Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (31 जनवरी 2022)

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31 जनवरी, दिन : सोमवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : उत्तरायण


 ऋतु : शिशिर


मास : माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार - पौष)


 पक्ष : कृष्ण


तिथि - चतुर्दशी दोपहर 02:18 तक तत्पश्चात अमावस्या


नक्षत्र - उत्तराषाढा रात्रि 09:57 तक तत्पश्चात श्रवण


योग - वज्र सुबह 10:26 तक तत्पश्चात सिद्धि


राहुकाल - सुबह 08:40 से सुबह 10:04 तक


सूर्योदय - 07:17


सूर्यास्त - 18:27


दिशाशूल - पूर्व दिशा में


पंचक


पंचक का आरंभ : 01 फरवरी 2022, मंगलवार को सुबह 06.45 बजे से


6 फरवरी 2022, रविवार को संध्या 17.10 बजे तक।


व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या, सोमवती अमावस्या दोपहर 02:19 से 01 फरवरी सूर्योदय तक


विशेष - चतुर्दशी और अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

          

सोमवती अमावस्याः दरिद्रता निवारण 


सोमवती अमावस्या के पर्व में स्नान-दान का बड़ा महत्त्व है।इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है।

इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है।

इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।


मौनी अमावस्या का मंत्र


01फरवरी 2022 मंगलवार को मौनी अमावस्या है। 

भविष्योत्तर पुराण में बताया है कि  माघी अमावश्या के दिन  अगर भगवान ब्रम्हाजी का कोई पूजन करे, श्लोक और गायत्री मंत्र बोलकर जो ब्रम्हाजी को नमन करते हैं और थोड़ी देर शांत बैठे और फिर गुरुमंत्र का जप करें तो उनको विशेष लाभ होता है |भाई-बहन जो सत्संग में आते हैं  वो दैवी सम्पदा पायें और लौकिक सम्पदा भी पायें | किसी के सिर पे भार न रहें | दैवी सम्पदा से खूब धनवान हों और लौकिक धन की भी कमी न रहें |

मंत्र इस प्रकार है –

स्थानं स्वर्गेथ पाताले यन्मर्ते किंचिदत्तंम | तद्व्पोंत्य संधिग्धम पद्मयोंने प्रसादत: ||

 

गायत्री मंत्र –

ॐ भू भुर्व: स्व: तत सवितुर्वरेण्यं | भर्गो देवस्य धीमहि | धियो यो न: प्रचोदयात् ||


व्यतिपात योग


व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका 1 लाख गुना फल मिलता है।


विशेष ~ 01 फरवरी 2022 मंगलवार को सुबह 06:42 से 02 फरवरी, बुधवार प्रातः 03:10 तक (यानी 01 फरवरी, मंगलवार को पूरा दिन) व्यतीपात योग है।


नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए


 31 जनवरी 2022 सोमवार को दोपहर 02:19 से 01 फरवरी, मंगलवार को सुबह 11:15 तक अमावस्या है ।


घर में हर अमावस अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक (1 लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।

    

अमावस्या


अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है  (विष्णु पुराण)

          

धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए


हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।

सामग्री : 1. काले तिल, 2. जौं, 3. चावल, 4. गाय का घी, 5. चंदन पाउडर, 6. गूगल, 7. गुड़, 8. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।


विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त 8 वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की 1-1 आहुति दें।


आहुति मंत्र 

1. ॐ कुल देवताभ्यो नमः

2. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः

2. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः

4. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः

5. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः 

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