Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (25 दिसंबर 2021)

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25 दिसंबर, दिन : शनिवार


विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)


शक संवत : 1943


अयन : दक्षिणायन


 ऋतु : शिशिर


मास :  पौस (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार मार्गशीर्ष मास)


पक्ष :  कृष्ण


तिथि - षष्ठी  सुबह 08:09 तक तत्पश्चात सप्तमी


नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी 26 दिसम्बर प्रातः 05:06  तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी


योग -  प्रीति सुबह 11:26 तक तत्पश्चात आयुष्मान


राहुकाल - सुबह  09:56 से सुबह 11:18 तक


सूर्योदय - 07:14


सूर्यास्त - 18:02


दिशाशूल - पूर्व  दिशा में


व्रत पर्व विवरण -  तुलसी पूजन दिवस


विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


पंचक


5  जनवरी 2022,  बुधवार संध्या 07:55 बजे से 10  जनवरी 2022, सोमवार को सुबह 08:50 बजे तक- राज पंचक


व्रत और त्योहार


एकादशी 


30 दिसंबर : सफला एकादशी


13 जनवरी : पौष पुत्रदा एकादशी


28 जनवरी : षटतिला एकादशी


प्रदोष 


31 दिसंबर : प्रदोष व्रत


14 जनवरी : शनि प्रदोष 


30 जनवरी : रवि प्रदोष

 

अमावस्या


02 जनवरी : पौष अमावस्या


पूर्णिमा


17 जनवरी : पौष पूर्णिमा 


घातक रोगों से मुक्ति पाने का उपाय


26 दिसम्बर 2021 रविवार को (सूर्योदय से रात्रि 08:09 तक) रविवारी सप्तमी है।


रविवार सप्तमी के दिन बिना नमक का भोजन करें। बड़ दादा के १०८ फेरे लें । सूर्य भगवान का पूजन करें, अर्घ्य दें व भोग दिखाएँ, दान करें । तिल के तेल का दिया सूर्य भगवान को दिखाएँ ये मंत्र बोलें :


"जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।"


नोट : घर में कोई बीमार रहता हो या घातक बीमारी हो तो परिवार का सदस्य ये विधि करें तो बीमारी दूर होगी । 


मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि


 सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।

इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है।

(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याया (10)

         

रविवार सप्तमी


रविवार सप्तमी के दिन जप/ध्यान करने का वैसा ही हजारों गुना फल होता है जैसा की सूर्य/चन्द्र ग्रहण में जप/ध्यान करने से होता |

रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे , तो उसकी घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं , अगर बीमार व्यक्ति न कर सकता हो तो कोई और बीमार व्यक्ति के लिए यह व्रत करे | इस दिन सूर्यदेव का पूजन करना चाहिये |


सूर्य भगवान पूजन विधि


1- सूर्य भगवान को तिल के तेल का दिया जला कर दिखाएँ , आरती करें |

2-जल में थोड़े चावल ,शक्कर , गुड , लाल फूल या लाल कुम कुम मिला कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें |

सूर्य भगवान अर्घ्य मंत्रर

1. ॐ मित्राय नमः।

2. ॐ रवये नमः।

3. ॐ सूर्याय नमः।

4. ॐ भानवे नमः।

5. ॐ खगाय नमः।

6. ॐ पूष्णे नमः।

7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।

8. ॐ मरीचये नमः।

9. ॐ आदित्याय नमः।

10. ॐ सवित्रे नमः।

11. ॐ अर्काय नमः।

12. ॐ भास्कराय नमः।

13. ॐ श्रीसवितृ-सूर्यनारायणाय नमः।

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