In Khurja, Bulandshahr, the accused of raping a nine-month-old girl was sentenced to life imprisonment in 146 days : बुलंदशहर के खुर्जा में नौ माह की मासूम से दुष्कर्म के आरोपी को 146 दिन में आजीवन कारावास की सजा

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18 जुलाई को खुर्जा देहात क्षेत्र के एक गांव में हुई थी वारदात


146 दिन बाद न्यायालय से पीड़ित पक्ष को मिल गया न्याय


न्यायालय विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम ने सुनाया फैसला 



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, बुलंदशहर 


मासूम से दुष्कर्म के मामले में न्यायालय काफी गंभीर हो गईं हैं। इसलिए पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिलने लगा है। बुलंदशहर जिले के खुर्जा देहात कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में 18 जुलाई को नौ माह की मासूम बच्ची से दरिंदगी करने वाले आरोपी को महज 146 दिन में सजा सुनाई है।


आरोपी ने मासूम को खिलाने के बहाने अपने घर ले जाकर दुष्कर्म किया था। आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॅाक्सो अधिनियम डॉ. पल्लवी अग्रवाल के न्यायालय ने दोषी करार दिया है। पीड़ित पक्ष को न्यायालय ने 146 दिन में ही न्याय दिलाया है। न्यायालय ने अभियुक्त को आजीवन कारावास व 50 हजार रुपये अर्थदंड भी सुनाया है। अर्थदंड की धनराशि पीड़िता के परिजनों को देने के आदेश हैं।


जिला शासकीय अधिवक्ता राहुल उपाध्याय और विशेष लोक अभियोजक महेश कुमार सिंह राघव और भरत शर्मा ने बताया कि खुर्जा देहात थाना क्षेत्र की महिला ने 18 जुलाई 2021 को थाने पर तहरीर दी। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी नौ माह की पुत्री है। 18 जुलाई को सुबह करीब नौ बजे पड़ोस में रहने वाले आरोपी युवक राजा उनकी पुत्री को खिलाने के बहाने घर ले गया था। करीब एक घंटे बाद आरोपी बच्ची को घर पर लिटा कर चला गया। घर पर आने के बाद उनकी पुत्री लगातार रोए जा रही थी। जब उसे चुप कराने की कोशिश की तो देखा की उसकी पुत्री ने शौच की हुई है, साथ ही गुप्तांगों से खून बह रहा था। जिसके बाद वादिया को जानकारी हुई कि उसकी पुत्री के साथ आरोपी पड़ोसी ने गलत काम किया है। 


मामले में थाना  पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। साथ ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं, जांच के बाद आरोपी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। न्यायालय ने अब विभिन्न साक्ष्यों और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।


कोर्ट में इन्होंने दी गवाही


मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी के खिलाफ कुल सात गवाह पेश किए गए। प्रथम गवाह के रुप में वादिया, दूसरा गवाह बच्ची की दादी, तीसरा गवाह चिकित्सक डॉ. सुधा शर्मा, थानाध्यक्ष विवेचक नीरज कुमार, महिला कांस्टेबल प्रियंका शर्मा, डॉ. गौरव गुप्ता व एक अन्य को पेश किया गया।


आरोपी बोला- मुझसे गलती हुई


सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी राजा ने कहा कि उससे गलती हो गई है, उसे माफ कर दिया जाए। वहीं, अभियुक्त की ओर से उसके कम उम्र होने और सजा कम किए जाने की भी अपील की गई।


बच्चे होते हैं समाज का भविष्य: न्यायालय


न्यायाधीश डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने सजा सुनाए जाने से पूर्व टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बच्चे समाज का भविष्य होते हैं। स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि स्त्री राष्ट्र का कल है। एक राष्ट्र को बनाने व संवारने में नारी सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यह सत्य है..नारी में ही जनन क्षमता होती है।


पूर्व में भी कोर्ट ने 52 और 83 दिन के भीतर सुनाई सजाएं


न्यायालय  ने सात मार्च 2021 को भी दुष्कर्म के एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। न्यायाधीश डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने डिबाई थाना क्षेत्र में किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को 52 दिन में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सुनाई थी। इसके अलावा न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार सिंह के न्यायालय ने 16 सितंबर 2021 को दुष्कर्म के आरोपी को दोषी मानते हुए 83 दिन के भीतर 20 साल का कारावास की सजा सुनाई थी। 

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