Viral Video of Swami Narendranand Sarswati : स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- महंत की हत्या हुई है

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  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती का दावा 

  • कहा- महंत ने बताया था, आइजी पांच बिस्वा जमीन देने का बनाते हैैं दबाव



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, वाराणसी


श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की हत्या की गई है। सोमवार शाम श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के एक कमरे में महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध अवस्था में मृत्यु हो गई थी। स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती का यह दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 


उन्होंने महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध अवस्था में हुई मृत्यु पर कई सवाल खड़े किए हैैं। कहा कि महंत की मृत्यु के बाद आइजी केपी सिंह सबसे पहले मठ कैसे पहुंच गए? कहा कि माघ मेला के समय नरेंद्र गिरि ने बताया था कि आइजी उनके पीछे पड़े हैैं और धमकाते रहते हैैं। आइजी खुद को ट्रस्ट का सदस्य बनाने और पांच बिस्वा जमीन अपने नाम करने का दबाव बना रहे थे। 


स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जो वीडियो सामने आया है, उसमें बलवीर गिरी नरेंद्र गिरि के शव के पास खड़े थे। मठ में गनर रहते थे। अगर महंत जी के कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो इन लोगों ने उसे तोड़ा क्यों? गनर को बुलाना चाहिए था। पुलिस को सूचना देनी चाहिए थी। रस्सी तीन हिस्से में क्यों थी? इसका मतलब इन सब के पीछे यही लोग हैैं। जांच एजेंसी को सारे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल कर सच सामने लाना चाहिए।


स्वामी नरेंद्रनानंद सरस्वती ने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि ने दो-तीन साल पहले अपनी वसीयत लिखी थी। वसीयत के गवाह प्रयागराज के ही टीकरमाफी आश्रम के हरि चैतन्य ब्रह्मचारी जी थे। यह बात नरेंद्र गिरि ने खुद उनसे बताई थी। अगर वह वसीयत रद हुई थी तो गवाही तो रद नहीं हुई थी। बीते 15 दिनों में जो भी महंत नरेंद्र गिरि से मिले थे, उन सभी की जांच कराई जाए तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। 


उन्होंने यह भी कहा कि योग गुरु आनंद गिरी मठ और मंदिर के संचालन में पूरी तरह से सक्षम थे। वह पूरी व्यवस्था को कंट्रोल कर सकते हैैं। उन्हें रास्ते से हटाने के लिए साजिश के तहत बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

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