Prarabdh Today's Panchang : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (01 सितंबर 2021)

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दिनांक 01 सितंबर, बुद्धवार

विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)

शक संवत : 1943

अयन : दक्षिणायन

ऋतु : शरद

मास : भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - श्रावण)

पक्ष - कृष्ण

तिथि - दशमी 02 सितम्बर प्रातः 06:21 तकतत्पश्चात एकादशी


नक्षत्र - मॄगशिरा दोपहर 12:35  तक तत्पश्चात आर्द्रा


योग - वज्र सुबह 09:40 तक तत्पश्चात सिद्धि


राहुकाल - दोपहर 12:38 से दोपहर 02:13 तक

सूर्योदय - 06:23


सूर्यास्त - 18:53


दिशाशूल - उत्तर दिशा में



पंचक

18 सितंबर दोपहर 3.26 बजे से 23 सितंबर प्रात: 6.45 बजे तक

व्रत और पर्व

एकादशी

03 सितंबर : अजा एकादशी व्रत

17 सितंबर : परिवर्तिनी एकादशी व्रत

प्रदोष

04 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत

18 सितंबर : शनि प्रदोष व्रत

पूर्णिमा

 20 सितंबर सोमवार भाद्रपद

अमावस्या

07 सितंबर, मंगलवार भाद्रपद अमावस्या


एकादशी व्रत के लाभ

02 सितम्बर 2021 गुरुवार को सुबह 06:22 से 03 सितम्बर, शुक्रवार सुबह 07:44 तक एकादशी है ।


विशेष - 03 सितम्बर, शुक्रवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें ।

-एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।

-जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

-जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान,अश्वमेघ यज्ञ से होता है,उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है।

-एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।

-धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।

-कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।


परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी  ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।

         

एकादशी के दिन करने योग्य


एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें।  विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l


एकादशी के दिन ये सावधानी रहे


महीने में १५-१५ दिन में  एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो  चावल खाता है तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है।

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