निषाद समाज का संकल्प

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प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, प्रयागराज

निषाद समाज द्वारा प्रयागराज संगम पर एकत्रित होकर आरक्षण का संकल्प लिया।'आरक्षण नहीं तो वोट' नहीं के नारों से संगम गूंजा।

इलाहाबाद संगम तट पर सर्वदलीय निषाद कश्यप यूनियन द्वारा कुंवर सिंह निषाद के नेतृत्व में अनुसूचित जाति के आरक्षण की मांग को लेकर पदयात्रा निकाली गई।

अनुसूचित जाति आरक्षण के लिये हर जिले में पैदल यात्रा निकाली जा रही है।इसके द्वारा 
सरकार को चेतावनी दी जा रही है कि 2022 से पहले निषाद समाज को आरक्षण दिया जाए नहीं तो सरकार बदल देंगे।

यात्रा का नेतृत्व युवा नेता कुंवर सिंह निषाद कर रहे हैं। जिससे भारी संख्या में नाविक, मछुआ समाज के लोग मौजूद रहे। 

कुँवर सिंह निषाद(यात्रा संयोजक) ने यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सरकार ने निषाद समाज को आरक्षण नहीं दिया तो सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए निषाद कश्यप समाज संकल्पित है।

भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में निषाद कश्यप समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वायदा किया गया है। अब भाजपा अपने वादे से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सल्तनत का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है, यदि हमे आरक्षण नहीं दिया गया तो दिल्ली और लखनऊ दोनों ही भाजपा के लिये सपना बन जायेगा। साथ ही कुँवर निषाद ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी जी अपनी मोड़ घांची जाति को आरक्षण दे सकते हैं, तो उत्तर प्रदेश के निषादों से क्या दुश्मनी है।

निषाद कश्यप समाज लंबे समय से अनुसूचित जाति आरक्षण की मांग कर रहा है। भाजपा ने भी निषाद समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आश्वासन दिया था।

पदयात्रा 11 जुलाई से मथुरा से प्रारंभ होकर आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बाँदा, चित्रकूट, फतेहपुर, कौशाम्बी आदि जिलों से होते हुए इलाहाबाद पहुंची, जहाँ मूरतगंज और सिविल लाइंस पर निषाद कश्यप समाज के लोगों द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया।

पदयात्रा किला घाट से प्रारंभ होकर बड़े हनुमान जी होते हुए त्रिवेणी संगम तक निकाली गई। जिसके उपरांत संगम तट पर एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में निषाद ,नाविकों ने भाग लिया

नाविक संघ के उपाध्यक्ष, अशोक कुमार निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार का रवैया हमारे समाज को गुमराह करने वाला है। हमें धोखे में रखा जा रहा है। 'आरक्षण नहीं तो वोट' नहीं ये हमारा नारा नहीं बल्कि हमारा संकल्प है।

नाविक संघ के सचिव मंगन निषाद ने कहा कि यदि हमारी माँगों को नजरअंदाज किया गया को भाजपा की नैया डुबाने के लिये हम कमर कस चुके हैं।

पदयात्रा के बाद नाविक समाज के लोगों ने संगम तट पर आरक्षण नहीं देने पर भाजपा को सबक सिखाने का संकल्प भी लिया।

पदयात्रा में मुख्यरूप से गगन निषाद, रणविजय निषाद, मयंक निषाद, अशोक शास्त्री, महेंद्र निषाद महामंत्री निषाद यूनियन, विश्वनाथ निषाद, रमेश निषाद ठेकेदार, ओमवीर निषाद, श्यामजी निषाद, चंदन मांझी, दीपेंद्र निषाद, पवन निषाद, छितर सिंह निषाद, प्रेमपाल निषाद, भगत निषाद, धर्मेंद्र निषाद, कोषाध्यक्ष महेंद्र, रिंकू निषाद, पीयूष निषाद, ऋतिक निषाद, गप्पूलाल निषाद, सूरत निषाद, लवकुश निषाद, मनोज निषाद, चंद्रकुमार निषाद, आलोक निषाद, सोनू निषाद, छगन मेहरा,  विजय कुमार निषाद, रवि कारण निषाद, हरेंद्र मांझी, संदीप मांझी, दुलाराम केवट, हरीश बाबू निषाद , दयाशंकर केवट, नीरज निषाद, संतोष निषाद, भीमा निषाद, प्रदीप निषाद, हरवीर लाल निषाद, झूठन राम निषाद, वंदनाराज निषाद, कौशलेंद्र निषाद शामिल रहे।

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