प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, उन्नाव
कोरोना की वैक्सीन का स्टाक न होने पर जिले के सोलह में से छह ब्लाक में शनिवार को अचानक वैक्सीनेशन बंद कर दिया गया। बिना किसी पूर्व सूचना के काेविड वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने पर वैक्सीन लगवाने के लिए आए लोग मायूस होकर लौट गए। वहीं, वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के लिए पहुंचे लोगों को भी लौटा दिया गया। कई सेंटरों पर दोपहर बाद वैक्सीन समाप्त होने पर लाइन में लगे 18-44 वर्ष के युवा और 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में नाराज हो गए। वैक्सीन न लगाकर लौटाने पर भड़क गए। जिला अस्पताल समेत कई वैक्सीनेशन सेंटरों पर जमकर हंगामा किया। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने वैक्सीन न होने की मजबूरी बता उन्हें शांत कराया।
वैक्सीन का स्टाक बहुत कम होने से वैक्सीनेशन कार्य प्रभावित होने की संभावना थी। स्वास्थ्य अधिकारियों को शनिवार सुबह तक वैक्सीन मिलने की उम्मीद थी, लेकिन नहीं मिली। इस पर 18-44 वर्ष और 45 या उससे अधिक उम्र के लोगों का छह ब्लाकों बीघापुर, सुमेरपुर, पुरवा, फतेहपुर चौरासी, हिलौली और असोहा क्षेत्र में वैक्सीनेशन बूथ बंद करने का फैसला लिया गया। इसकी जानकारी ग्रामीणों को नहीं दी गई।
ग्रामीण शनिवार सुबह जब वैक्सीनेशन कराने के लिए पहुंचे वैक्सीनेशन बूथ बंद मिले। वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों से उनकी जमकर बहस हुई।
इसी तरह जिले के अन्य सेंटरों पर वैक्सीनेशन होता रहा, लेकिन ज्यादातर सेंटरों पर क्षमता से आधी वैक्सीन मुहैया कराई गई। वहां भी दोपहर बाद वैक्सीन समाप्त हो गई।
वैक्सीन खत्म होने पर उमस भरी गर्मी में लाइन में खड़े ग्रामीण आक्रोशित हाे गए। वैक्सीनेशन सेंटर पर ही हंगामा करने लगे। शनिवार को जिला अस्पताल, शुक्लागंज, मियागंज में 18-44 वर्ष और 45 या उससे अधिक उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए सेंटर खुलने के दो घंटे बाद वैक्सीन खत्म हो गई। ऐसे में वैक्सीन लगवाने के लिए लाइन में लगे युवाओं ने जमकर हंगामा किया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर हंगामा कर रहे लोगों को समझा बुझा कर शांत कराया। उन्हें सोमवार को वैक्सीन लगने का भरोसा दिलाया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नरेंद्र सिंह ने बताया कि वैक्सीन का स्टाक समाप्त होने से परेशानी हुई है। सोमवार तक स्टाक आने की संभावना है।
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