International Yoga Day-2 : योग-प्राणायाम के आगे टिक न सका कोरोना

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  • रेलबाजार निवासी 35 वर्षीय चार्टेड अकाउंटेंट को योग और आयुर्वेद से मिली संजीवनी



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) जब कमजोर पड़ने लगती है तो बैक्टीरिया और वायरस हमला कर देते हैं। शरीर के सुरक्षा कवच को भेदते हुए अंदर प्रवेश कर जाते हैं। कोरोना वायरस से शरीर ऐसे ही संक्रमित हो रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आते के बाद अगर समय रहते योगाचार्य के मार्गदर्शन में नियमित योग और प्राणायाम किया जाए। इससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। इसके आगे कोरोना टिक भी नहीं पाता है। यह मानना रेल बाजार निवासी 35 वर्षीय चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) राहुल गुप्ता का है।



रेलबाजार के कैंट के रहने वाले राहुल सीए हैं। काम के सिलसिल में बाहर आना-जाना लगा रहता है। इस दौरान कब कोरोना की चपेट में आए, उन्हें पता नहीं चला। जब तेज बुखार, जरा से चलने में सांस फूलने लगी और सूखी खांसी लगातार आने लगी। कमजोरी बढ़ने लगी। कोरोना का संदेह होने पर जांच कराई। 13 अप्रैल को आई रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वाद न मिलने से खाना अच्छा नहीं लगता था। भीषण दर्द और कमजोरी से बेहाल हो गए। पहले आक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था।


योगाचार्य एवं आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ. रविंद्र पोरवाल से संपर्क किया। उनके निर्देशन में यौगिक क्रियाएं एवं आसन करने लगे। आराम महसूस होने पर यौगिक क्रियाएं, अश्वचालनासन, पक्षी आसन और पद चालन का नियमित अभ्यास करने लगे। ऐसा करने से दम फूलने और खांसी में आराम मिला।


उन्होंने दिन में चार बार दो-दो मिनट सूर्यभेदी प्राणायाम और कपालभाति करने की सलाह दी। ऐसा करने से खांसी और दम फूलने की समस्या में तेजी से सुधार होने लगा। इस बीच डाॅ. रजनी पोरवाल ने कपोल शक्ति की यौगिक सुक्ष्म क्रियाएं विधि-विधान से करना सिखाया। नियमित अभ्यास का परिणाम रहा की कि नौवें दिन रिपोर्ट निगेटिव आ गई।


यौगिक क्रियाओं का नहीं कोई साइड इफेक्ट


राहुल बताते हैं कि विभिन्न यौगिक क्रियाओं के नियमित अभ्यास एवं डा. पोरवाल द्वारा तैयार आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से बिना किसी साइड इफेक्ट के नौ दिन में संक्रमण से मुक्त हो गए।


परिवार की थी चिंता, कमरे में समेटा


राहुल ने बताया कि मुझे अपने परिवार की चिंता थी, क्योंकि घर पर बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और बच्चे हैं। उन्हें कोरोना का संक्रमण न होने पाए, इसलिए 14 दिन तक अपने को एक जगह ही समेटे रहे।


ऐसे बचे रहे स्वजन


इसलिए डाक्टर दंपती के बताए योग और आसन अपने स्वजनों को नियमित कराते रहे, ताकि इम्यूनिटी बनी रहे। योग, आसन, प्राणायाम, सुक्ष्म व्यायाम और मुद्राओं के नियमित अभ्यास से मेरे स्वजन कोरोना के संक्रमण से बचे रहे।

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