- कोरोना की पहली-दूसरी लहर में गंभीर संक्रमितों को स्टेरॉयड थेरेपी देने पर उभर कर सामने आई मधुमेह
- विशेषज्ञ जता रहे कोरोना की तीसरी लहर सितंबर में आने की संभावना, मधुमेह कंट्रोल करने में जुट जाएं
कोरोना वायरस की तीसरी लहर तीन माह बाद आने की संभावना जताई जा रही है। पिछली दो लहर में सर्वाधिक प्रभावित मधुमेह पीड़ित हुए हैं। इसलिए कोरोना की तीसरी लहर में भी उन पर ही खतरा बरकरार है। समय रहते सतर्क होने की जरूरत है। आपके हाथ में तीन माह का समय है। अगर मधुमेह अनियंत्रित है तो उसे अभी से नियंत्रित करने में जुट जाएं।
कोरोना वायरस की पहली लहर में बुजुर्ग सर्वाधिक प्रभावित हुए। अनियंत्रित मधुमेह वाले संक्रमित हुए। साथ ही जो मधुमेह की दहलीज में थे, काेरोना के संक्रमण होने पर मधुमेह सामने आ गई। कोरोना के गंभीर संक्रमित को जब स्टेरॉयड थेरेपी दी गई तो उनमें भी मधुमेह उभर कर सामने आ गई। अब विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर सितंबर में आने यानी तीन माह का समय बतला रहे हैं। इसलिए अभी समय है, हर व्यक्ति मधुमेह की जांच जरूर कराएं।
अगर ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ी है तो उसे नियंत्रित करने में अभी से जुट जाएं। कोरोना वायरस के संक्रमण की दोनों लहर के आंकड़े बताते हैं कि काेरोना से हुई 1690 की मौत में से 50 फीसद मधुमेह पीड़ित थे। इसी तरह देश में मधुमेह पीड़ितों की संख्या 7.70 करोड़ है, जबकि 13 करोड़ मधुमेह की दहलीज (प्री डायबिटिक स्टेज) पर हैं।
इन आंकड़ों के हिसाब से देश का हर छठा व्यक्ति मधुमेह पीड़ित या मधुमेह की संभावना है। इसलिए कोरोना की दूसरी लहर में यह वर्ग सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी सिस्टम) कमजोर है। फिलहाल कोरोना वायरस के संक्रमण की कोई कारगर दवा नहीं है। गंभीर संक्रमितों के फेफड़े संक्रमित होने पर स्टेरॉयड चलानी पड़ती हैं, जो प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित करने के साथ मधुमेह भी बढ़ती हैं। इसलिए इलाज के साथ-साथ इम्यूनिटी बढ़ाने पर भी ध्यान देना जरूरी है।
इनके लिए घातक
अगर हार्ट, लिवर, किडनी और श्वांस संबंधी बीमारी सीओपीडी, अस्थमा और निमोनिया की बीमारी के साथ मधुमेह भी है। यह बहुत ही घातक होती है। इसलिए कोरोना काल में ऐसे मरीजों काे बहुत ही सतर्कता बरतने की जरूरत है।
ऐसे नियंत्रित करें मधुमेह
आप के माता-पिता या परिवार में किसी को मधुमेह की बीमारी रही है। आप तत्काल इसकी जांच कराएं। मधुमेह की जांच का दो तरीका सबसे बेहतर है। पहले ब्लड शुगर की जांच कराएं। इसके लिए रात को आठ घंटे खाली पेट रहें और सुबह सिर्फ पानी पीकर अपनी जांच कराने जाएं। खून निकालने के बाद 75 ग्राम ग्लूकोज पीने के दो घंटे बाद फिर से अपना खून जांच के लिए दें। इसके अलावा मधुमेह के तीन माह का स्तर पता करने के लिए एचबीए1सी जांच एचपीएलसी मैथड से कराएं। ब्लड शुगर बढ़ होने पर वजन नियंत्रित करने को नियमित व्यायाम करें। खानपान भी नियंत्रण करें।
कोरोना संक्रमितों को दूसरी लहर में हार्ट अटैक भी पड़ रहा है। अगर मधुमेह बढ़ी है तो लिपिड प्रोफाइल की जांच कराएं। अगर कोलेस्ट्राल बढ़ा है तो उसे भी कंट्रोल करना जरूरी है। अपने को सुरक्षित रखने के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं।
- डाॅ. सुधीर चौघरी, वरिष्ठ प्रोफेसर, रेस्पिरेट्री मेडिसिन, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।
मधुमेह कंट्रोल करने के साथ प्रतिरोधक्षक क्षमता भी बढ़ाएं। अगर कोरोना संक्रमित को स्टेरॉयड थेरेपी शुरू की जा रही है तो जांच करके इंसुलिन भी चलाएं। तीसरी लहर के लिए सरकार के साथ हेल्थ सेक्टर के लोगों को अभी से तैयारी शुरू कर देनी है। कोरोना से बचाव के अलावा अभी तक कोई कारगर उपाए नहीं है।
- डॉ. नंदिनी रस्तोगी, वरिष्ठ फिजीशियन एवं डायटोलॉजिस्ट, कानपुर।
यह उपाय होंगे कारगर
- ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं।
- मधुमेह अनियंत्रित होने पर कंट्रोल करें।
- ब्लड प्रेशर की जांच कराएं और नियंत्रित रखें।
- कोरोना से बचाव को वैक्सीनेशन जरूर कराएं।
- मधुमेह, निमोनिया व हृदय रोगी फ्लू वैक्सीन लें।
- मधुमेह पीड़ित अपना वजन भी नियंत्रित रखें।
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