Covid in Kanpur : जब शहर में कोरोना ने दी दस्तक, मच गया था हड़कंप

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  •  पूर्व जिला महामारी वैज्ञानिक एवं सर्विलांस प्रभारी डॉ. देव सिंह ने आगे आकर संभाली कमान

  • घर से संक्रमित को हैलट के आइडीएच लेकर आए, फिर उर्सला के प्राइवेट वार्ड कराया भर्ती

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर 

वर्ष 2020 की शुरूआत में कोरोना के संक्रमित की बात दूर, कोरोना का संदेह होने पर आमजन छोड़िए डॉक्टर तक कांपने लगते थे। ऐसे 23 मार्च को जब कोरोना का पहला केस सामने आया तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में जिला महामारी वैज्ञानिक एवं सर्विलांस प्रभारी के पद पर तैनात डॉ. देव सिंह ने आगे आकर जिम्मेदारी संभाली।

जिले से 21 मार्च 2020 तक कोरोना संदिग्ध के 75 नमूने लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेज गए थे। 22 मार्च 2020 को पांच नमूने भेजे, जिसमें प्लेबैक सिंगर कनिका कपूर के रिश्तेदारों तथा एनआरआइ सिटी के वीएन राय एवं उनकी पत्नी के थे।

उसकी रिपोर्ट 23 मार्च को आई। उसमें वीएन राय पहले कोरोना संक्रमित निकले। दोपहर में रिपोर्ट आते ही अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। तत्कालीन सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने जिससे भी संक्रमित को लेकर आने के लिए कहा, सभी ने जान जोखिम में डालने से इन्कार कर दिया। असमंजस की स्थिति के बीच तत्कालीन डीएम डॉ. ब्रह्मदत्त राम तिवारी को सीएमओ ने अवगत कराया। उन्होंने स्थिति नियंत्रित करने के निर्देश दिए। सीएमओ ने बैठक बुलाई। कोरोना नियंत्रण व सर्विलांस से निपटने की रणनीति बनाई। डॉ. देव सिंह स्वंय आगे आए।

डॉ. सिंह देर शाम मेडिकल टीम, एंबुलेंस एवं सुरक्षा बंदोबस्त के साथ एनआरआइ सिटी स्थित डायमंड ब्लॉक में कोरोना संक्रमित के घर गए। परिवार के सदस्यों की हिम्मत बढ़ाई। एहतियात के उपाए बताए। उन्हें व उनके स्वजनों लेकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट के संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) आए। सुविधाएं-संसाधन न होने पर स्वजन ने वहां रहने से इन्कार कर दिया। यहां सैंपलिंग कराने के बाद उन्हें उर्सला लेकर आए।

जब केस हिस्ट्री ली तो पता चला पांच दिन पहले की अमेरिका से अपने पुत्र के पास से लौटे हैं। 2 दिन से सांस में दिक्कत थी। जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें यहां लाया गया। उसी रात आइडीएच में अकेलापन और घबराहट होने पर स्वजनों को बताया। शासन के आला अफसरों ने एसजीपीजीआइ रेफर करने के निर्देश दिए, लेकिन संक्रमित ने वहां जाने से मना कर दिया।

तत्कालीन डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने रात 12:30 बजे संक्रमित को उर्सला शिफ्ट कराया। डीएम ने उर्सला के सीएमएस से कहा कि डॉ. सिंह को 11 वर्ष का इनफ्लुएंजा ए एच-वन एन-वन, इबोला, जीका के प्रबंधन का अनुभव है। उसका लाभ उठाएं। डॉ. सिंह के सुझाव पर प्राइवेट वार्ड में भर्ती व इलाज कराएं। उर्सला में शिफ्टिंग के बाद रात 2:00 बजे डॉ. सिंह घर गए। सुबह-शाम उनकी काउंसिलिंग करते। खाने, साफ-सफाई एवं इलाज की निगरानी भी करते। 14 दिन बाद रिपोर्ट निगेटिव आने पर अस्पताल से छुट्टी के बाद घर छोड़ने गए।

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