उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से आई आपदा के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश में पुलिस-प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। गंगा किनारे की बस्तियों को खाली करा दिया गया है। वहीं, प्रशासन ने लोगों को गंगा किनारे जाने से मना किया है।
हरिद्वार एसएसपी ने अलर्ट जारी कर अपील की है कि सुरक्षा की दृष्टि से अति शीघ्र स्वयं व परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। आसपास के लोगों को भी सचेत करें।
अपर जिलाधिकारी हरिद्वार केके मिश्रा का कहना है कि जिले के सभी एसडीएम और नगर निगम के आयुक्त को अलर्ट कर दिया गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वह गंगा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को घटना की सूचना दें। उनका कहना है कि शासन स्तर से जैसे ही आगे कोई सूचना मिलेगी उस पर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
आपदा की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम हरकी पैड़ी के पास, नीलधारा और चंडी घाट के पास वाले क्षेत्र पहुंची। टीम ने वहां लोगों को आपदा की जानकारी दी और झोपड़ियां खाली करवाई।
ऊधर ऋषिकेश में पुलिस की ओर से त्रिवेणी घाट को खाली कराया गया है। साथ ही नदी के पास बोटिंग और राफ्टिंग संचालकों से वहां से हटने की अपील की है। मुनिकीरेती क्षेत्र में भी घाटों को खाली कराया गया। साथ ही बैराज के सभी गेट खोले गए हैं।
पशुलोक बैराज में काम कर रहे मजदूरों को भी वापस बुलाया गया है। साथ ही सभी कर्मचारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, टीम शहर में भी लोगों से घाटों पर न जाने की अपील कर रही है।
वहीं, यूजेवीएनएल ने चीला बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं। जिससे बाढ़ का पानी गंगा में जा सके। जोशीमठ के पास यूजेवीएनएल के तीन मेगावाट का प्रोजेक्ट है, हालांकि तीनों खतरे से बाहर है। वहीं, सीएम भी गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन के साथ जोशमठ रवाना हो गए हैं।
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