Big News : सीएमओ ऑफिस के दो लिपिक घूस मांगने पर निलंबित

0

  • मृत फार्मासिस्ट के पत्नी से जीपीएफ भुगतान के बदले मांगे थे एक लाख रुपये
  • तीन साल से दबाए थे फाइल, शिकायत पर डीएम ने कराई जांच, पाए गए दोषी


प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, फतेहपुर


उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के मख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में तैनात दो लिपिक घूस मांगने के दोषी पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद जिलाधिकारी संजीव सिंह ने दोनों लिपिकों को निलंबित (सस्पेंड) कर दिया है। इन दोनों लिपिकों पर मृतक फार्मासिस्ट की पत्नी ने जीपीएफ भुगतान के लिए एक लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया था।


सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की जड़े काफी गहरी हैं। नियम चाहे कितने भी सख्त बना दिए जाएं, लेकिन सरकारी दफ्तरों में बैठे कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। फतेहपुर में तीन साल पहले एक फार्मासिस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पति की मौत के बाद से फार्मासिस्ट की पत्नी जीपीएफ के भुगतान के लिए सीएमओ दफ्तर के चक्कर लगा रही है, लेकिन आज तक पैसों का भुगतान नहीं हो सका है।

सीएमओ दफ्तर में तैनात दो लिपिकों ने पैसों के भुगतान के लिए एक लाख रुपये मांगे थे। इसकी शिकायत डीएम से किए जाने के बाद पूरे मामले की जांच सीडीओ से कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए। इस पर डीएम ने दोनों लिपिकों के निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से सीएमओ दफ्तर में खलबली मच गई है।


सीडीओ-सीएमओ से कराई जांच

मृतक की पत्नी की शिकायत पर डीएम संजीव सिंह ने सीडीओ और सीएमओ को जांच सौंपी थी। दोनों अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से की गई जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद जिलाधिकारी ने सीएमओ ऑफिस में तैनात दोनों लिपिकों के निलंबन की संस्तुति की है, जिसके बाद सीएमओ दफ्तर में हड़कंप मचा हुआ है।


भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई : डीएम


जिलाधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि जांच में आरोप सत्य पाए गए हैं। दोनों कर्मचारियों के निलंबन की कार्रवाई की गई है। मृतक की पत्नी को समय पर जीपीएफ का भुगतान न करने पर लगभग पांच लाख रुपये का अतिरिक्त भार शासकीय व्यय पर आएगा। मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


क्या था पूरा मामला


स्वास्थ्य विभाग में तैनात चीफ फार्मासिस्ट दिलीप पटेल की 2 जून 2017 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के मामले में पोस्टमार्टम हाउस में ही तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी समेत तीन नामजद किए गए थे।

उनकी हत्या के बाद जीपीएफ के भुगतान के लिए दिलीप की पत्नी सरोज देवी ने सीएमओ कार्यालय में आवेदन किया था। जीपीएफ की फाइल आगे बढ़ाने की बजाय वहां तैनात वरिष्ठ सहायक आनन्द मिश्रा और कनिष्ठ सहायक अजय मिश्रा ने फाइल पास करने के लिए मृतक की पत्नी से एक लाख रुपये मांगे थे। रुपये न मिलने पर तीन साल से फाइल को दबाए बैठे थे।


Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top