ब्रेकिंग न्यूज : आज चुनाव आयोग की कॉन्फ्रेंस -बिहार विधानसभा का चुनाव की तारीख तय हो सकती

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प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो
चुनाव आयोग आज दोपहर 12:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर रहा है।  जिसमें बिहार विधान सभा एवं मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर सकता है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है।

विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों की भी घोषणा की जाएगी। सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस निर्वाचन सदन में नहीं बल्कि विज्ञान भवन में की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि बिहार में तीन चरण में चुनाव करवाए जा सकते हैं। पिछली बार राज्य में पांच चरणों में चुनाव हुए थे।

कोरोना के चलते बिहार चुनाव टालने को लेकर लगाई गई  याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा कोरोना के चलते एक राज्य चुनाव को टाला नहीं जा सकता ।कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश नहीं दे सकता। 

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव सबसे अलग, अनूठे और चुनौतीपूर्ण होंगे। इसकी वजह है कोरोना वायरस। इस महामारी के कारण पहले विधानसभा चुनाव का सभी विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था लेकिन जब चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव तय समय पर होंगे तो सभी तैयारियों में जुट गए।

बिहार में चुनाव देश में फैले कोरोना संकट के बीच होने वाला यह देश का पहला चुनाव है। ऐसे में आयोग ने कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार दिशानिर्देश जारी किए हैं। मतदान केंद्रों की तादाद भी डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ाई गई है। मतदान कर्मियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। वहीं हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या सीमित कर दी गई है।

सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को मास्क लगाकर और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करके आने को कहा गया है लेकिन एहतियातन हर केंद्र पर मास्क, हैंडफ्री सेनेटाइजिंग और शरीर का तापमान मापने के इंतजाम किए जा रहे हैं। मतदान शुरू होने से पहले बूथ को पूरी तरह से सैनिटाइज कर डिसइनफेक्ट करने की सख्त हिदायत दी गई है।

चुनाव के मुख्य मुद्दे

कोरोना, किसान और खेती, बेरोजगारी, विकास, प्रवासी मजदूर, राम मंदिर।

कोरोना के चलते प्रवासी मजदूरों का पलायन एवं वर्तमान सरकार द्वारा उनका समुचित इंतजाम करना, बेरोजगार को रोजगार देने के साथ विकास का एक बड़ा मुद्दा विपक्षियों की ओर से पार्टी उठाया जाता रहा है। लगातार बेरोजगारी का बढ़ना और सत्ता का ध्यान नहीं देना मुद्दा हो सकता है।
 वही राम मंदिर का शिलान्यास होना सत्ताधारी सरकार बड़ी उपलब्धि के तौर पर गिनाई जाएगी।जदयू और भाजपा जहां पिछली केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किए गए कामों को गिना रहे हैं।विपक्ष उनके दावों को गलत ठहरा रहा है।

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