Big News : दो आईपीएस अफसर ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल में फंसे

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आईपीएस डॉ.अजय पाल एवं हिमांशु कुमार पर एफआइआर

विजिलेंस के मेरठ सेक्टर थाने में दर्ज किए गए दो मुकदमे


प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ



प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब आला अफसरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर लाखों रुपये की डील करने वाले आईपीएस अधिकारी डॉ. अजय पाल शर्मा एवं हिमांशु कुमार कानूनी दांव-पेच में फंस गए हैं। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद विजिलेंस ने दोनों अधिकारियों समेत पांच आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।

विजिलेंस की टीम ने मेरठ सेक्टर के थाने में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए हैं, इनमें से एक आईपीएस अधिकारी डॉ. अजय पाल के विरुद्ध और दूसरा आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार नामजद किए गए हैं। दोनों एफआइआर में मीडियाकर्मी चंदन राय व स्वपनिल राय के अलावा ट्रांसफर पोस्टिंग की डील में शामिल अतुल शुक्ला भी आरोपी बनाए गए हैं।


शासन के स्तर से जल्द ही दोनों आरोपी आईपीएस अधिकारियों के निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। आईपीएस अधिकारी डॉ. अजय पाल वर्तमाल में पीटीएस उन्नाव में तैनात हैं। वहीं, आईपीएस हिमांशु कुमार पीएसी इटावा में तैनात हैं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भ्रष्ट एवं लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई का सिलसिला जारी है। विजिलेंस ने हाल में ही अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिसमें दोनों अधिकारी दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की संस्तुति की गई थी।


शासन से अनुमति मिलते ही विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की है। गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने शासन को गोपनीय पत्र लिखकर पांच आईपीएस अधिकारी डाॅ. अजय पाल शर्मा, हिमांशु कुमार, सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण मिश्रा व गणेश शाहा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उसके बाद एक आपित्तजनक वीडियो क्लिप वायरल होने पर वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया गया था।


विशेष जांच दल से कराई जांच


शासन ने गौतमबुद्धनगर प्रकरण में नौ जनवरी 2020 को तत्कालीन डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित कर पांचों आईपीएस अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच सौंपी थी। जांच टीम ने साक्ष्यों के आधार पर डॉ. अजय पाल शर्मा एवं हिमांशु कुमार के खिलाफ विजिलेंस जांच की संस्तुति की थी।


आईपीएस अजय के खिलाफ कई जांचें


शासन के निर्देश पर मार्च 2020 में विजिलेंस ने दोनों आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। एक सप्ताह पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इसमें आरोपी आईपीएस डॉ. अजय पाल शर्मा के खिलाफ सीबीसीआइडी जांच भी चल रही है। उनके खिलाफ कथित पत्नी की ओर से लगाए गए संगीन आरोपों की जांच विशेष जांच दल कर रहा है।


वॉट्सएप चैट में साक्ष्य


आईपीएस अधिकारियों के अपनी मनचाही पोस्टिंग को लेकर सेटिंग कर रहे थे। इसके लिए वॉट्सएप चैट के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा था। इस चैट को ही उनके खिलाफ साक्ष्य बनाया गया है। दोनों अधिकारियों की वाट्सएप चैट व भ्रष्टचार से जुड़े अन्य साक्ष्य वैभव कृष्ण ने अपने शिकायती पत्र के साथ भी दिए थे। 

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