महिलाएं इस क्षेत्र में भी आगे, अपना रहीं परिवार नियोजन के साधन

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  • जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े में अब तक 48 महिलाओं ने करवाई नसबंदी

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


“आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी” थीम के साथ प्रदेश में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चला रहा है। 31 जुलाई तक चलने वाले इस पखवाड़े में जिले से लेकर ब्लॉक स्तर पर सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए परिवार नियोजन के लिए जागरूकता एवं संसाधन अपनाने को लेकर विविध आयोजन किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि परिवार नियोजन के मामले में भी महिलाएं पुरुषाें से आगे हैं। वह भलीभांति छोटा परिवार सुखी परिवार का पालन करने में रूचि दिखा रही हैं।

एसीएमओ एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के तहत आमजन को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। स्वास्थ्य कन्द्रों में वालपेंटिंग व रिक्शा के ज़रिये प्रचार-प्रसार और माइकिंग कराकर छोटे परिवार के बड़े फायदे बताए जा रहे हैं। आशा कार्यकर्ता परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई संसाधन अपनाने के बारे में भी दंपतियों को जागरूक कर रहे हैं। उन्हें संसाधन अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। घर-घर गर्भनिरोधक साधनों का वितरण कराया जा रहा है। अस्पतालों में दंपति की काउंसिलिंग कर विभिन्न गर्भ निरोधक साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अस्पताल सहित अन्य स्थानों पर लगे कंडोम बाॅक्स को प्रतिदिन विसंक्रमित किया जाता है। बार-बार गर्भ ठहरने अथवा संपर्क से बचने के लिए कंडोम और गर्भ निरोधक गोली के अतिरिक्त पैकेट (कम से कम दो माह का) लाभार्थियों को प्रदान किए जा रहे हैं।


महिलाओं से पुरुष पिछड़े

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पखवाड़े के दौरान 11 से 27 जुलाई तक 48 महिलाओं और 1 पुरुष ने नसबंदी करवाई है। 357 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी लगवाया, 1353 ने आईयूसीडी और 166 ने अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन को अपनाया है। वहीं 2195 छाया गर्भनिरोधक गोली और 47455 कंडोम का भी वितरण किया गया है।



मिलती है प्रोत्साहन राशि

नोडल अफसर डॉ. एके सिंह ने बताया कि गर्भनिरोधक साधन अपनाने पर प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। नसबंदी कराने वाले पुरुषों को दो हज़ार और महिलाओं को 1400 रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। पोस्टपार्टम स्टर्लाईज़ेशन (प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी) कराने वाली महिलाओं को 2200 रूपये की धनराशि प्रदान की जाती है। अस्थाई विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी के लिए लाभार्थी को 300 रुपये दिए जाते हैं।

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