युवती के उत्पीड़न में हरिद्वार के वेटिंगरूम के परिचायक की सेवा समाप्त

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  • मृतक आश्रित कोटे पर नौकरी दिलाने के नाम पर शारीरिक शोषण का था आरोप

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, मुरादाबाद


युवती के उत्पीड़न के आरोप में हरिद्वार में तैनात रेलवे वेटिंगरूम में तैनात परिचायक की सेवा समाप्त कर दी गई है। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में कार्य के लिए आने वाली युवती ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस पर महिला उत्पीड़न समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है।

रेलवे कर्मचारी की मृत्यु के उपरांत उनकी पुत्री मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में चक्कर लगा रही थी। युवती ने तत्कालीन डीआरएम अजय कुमार सिंघल से मिलकर मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर प्रतीक्षालय परिचायक के पद पर तैनात नबी के खिलाफ शिकायत की थी। आरोप था कि मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाने में हो रही देरी के कारण वह परेशान थी। इस दौरान उसकी मुलाकात नबी से हुई। उसने सहानुभूति जताने के साथ ही नौकरी दिलवाने में मदद का भरोसा दिलया। नबी कहता था कि उसकी जान-पहचान दिल्ली के बड़े अफसरों से है। वह उसे दिल्ली व नैनीताल भी लेकर गया। मदद के बहाने शारीरिक शोषण का आरोप लगाया। तत्कालीन डीआरएम ने रेलवे महिला उत्पीड़न समिति की अध्यक्ष सीनियर डीसीएम रेखा को जांच सौंपी। जांच समिति में प्रवर मंडल चिकित्साधिकारी सुषमा राठी, मंडल वाणिज्य प्रबंधक ऋचा शर्मा को सदस्य बनाया गया। जांच के दौरान नबी का तबादला हरिद्वार में प्रतीक्षालय परिचायक के पद पर कर दिया गया। जांच समिति ने युवती के आरोपों को सही मानते हुए नबी को दोषी ठहराया। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार नबी की सेवा समाप्त कर दी गई है।

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