कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे प्रकरण : एसआइटी ने बिकरू गांव में देखा घटनास्थल

  • कुख्यात विकास दुबे द्वारा अर्जित संपत्तियों, अधिकारियों एवं राजनेताओं से सांठगांठ की कर रही जांच

बिकरू गांव पहुंचे एसआइटी टीम के अधिकारी
एवं सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी।
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर

शासन से गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेश टीम (एसआइटी) ने कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। उसके द्वारा अर्जित संपत्तियों, अधिकारियों एवं राजनेताओं से सांठगांठ की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रविवार को एसआइटी में शामिल अधिकारी जांच करने के लिए लखनऊ से कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव पहुंचे। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के अलावा एडीजी हरिराम शर्मा, डीआआइजी, जे रविंद्र गांव पहुंच गए हैं। गांव पहुंचने ही सबसे पहले गाड़ी से उतरने के बाद सीधे घटनास्थल गए। वहां का जायजा लिया। अधिकारियों ने जहां सीओ देवेंद्र मिश्रा शहीद हुए थे। घर के अंदर गए और परिवार के सदस्यों से पूछताछ की। उन्होंने वह स्थान भी देखा, जहां पांच सिपाहियों की गोली मारकर हत्या की गई थी। एसआइटी के मुखिया अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी व अन्य पुलिस अधिकारी जांच कर रहे हैं। उन्होंने गांव वालों एक एक कर पूछताछ की। आईपीएस जे रविंद्र ने घटना से जुड़े हर बिंदू की गहनता से पड़ताल की। सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने वाले घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण करते रहे। इस दौरान कानपुर नगर के जिलाधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव तिवारी एवं एसएसपी दिनेश कुमार पी भी साथ थे। अधिकारी गांव में घंटों जांच पड़ताल करते रहे। एसआईटी टी म चौबेपुर थाने के निलंबित पूर्व थानाध्यक्ष, हलका प्रभारी एवं सिपाहियों से भी पूछताछ करेगी। 

यह है मामला

कुख्यात विकास दुबे को पकड़ने गांव गई पुलिस पर हमला बोल दिया था। उसने और उसके साथियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। घटना के बाद विकास उसके साथी फरार हो गए थे। मध्य प्रदेश पुलिस ने गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया था। उसे लाने के लिए यूपी एसटीएफ की टीम गई थी। कानपुर के सचेंडी और बर्रा थाना क्षेत्र के बीच शुक्रवार सुबह सड़क हादसे में वाहन पटल गया। पुलिस का कहना है कि विकास दुबे भागने के दौरान हुई मुठभेड़ में मारा या।

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