खुद पर हँसना सीखें

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प्रारब्ध न्यूज डेस्क
जब
अपनी गलतियां  बोझ लगने लगे और दूसरे लोग भी मजाक बना रहे हों, तो निराश होने या झेंपने के बजाए खुद पर हंसना बेहतर है। आप भी उन लोगों में शामिल हो जाएं,जो आप पर हंस रहे हैं। फिर देखें कि कैसे उन लोगों का नजरिया आपके प्रति बदल जाता है। खुद पर हंसना न केवल मूड को बेहतर करता है, बल्कि इससे बेहतर "सेंस ऑफ ह्यूमर" भी विकसित होता है। जब आप खुद पर हंस सकते हैं, तो जाहिर है कि आप अपनी खामियों से अच्छी तरह परिचित हैं। अगर आप खुद पर हंस सकते  हैं तो आप खुद को माफ भी कर सकते हैं। यदि आप खुद को माफ कर सकते हैंं ,तो आप दूसरों को भी माफ कर सकते हैं। ऐसा कहना है 'लाफ योर वे टू गेर्स' की लेखिका सुज़ैन स्पार्क्स का। खुद पर हंसना, इशारा करता है कि आप आशावादी व्यक्तित्व वाले हैं और आप पर किए गए मजाक को हंसकर स्वीकार करना भी आपको पसंद है। इसलिए अपनी खामियों को सकारात्मक रूप से शुभ कार्य और उसे भी इंजॉय करें आपका यहां व्यवहार आपको भीड़ से अलग बना देगा। अमेरिका के चर्चित लेखक जेन राँबटृसन  के अनुसार हम तब तक स्वयं पर हंसने की कला नहीं सीख सकते जब तक कि हम खून में मौजूद उन चीजों को स्वीकार करना नहीं सीख जाते। हमारे लिए अव्यावहारिक है दुनिया की कई नामी हस्तियों ने इसी  मंत्र को अपनाया और हमेशा हंसते रहे। बिल कि्लंटन, एलिजाबेथ गिल्बर्ट, मेडोना, बराक ओबामा, मार्क जुकरबर्ग, हिलेरी क्लिंटन, जेनिफर लॉरेंस समेत ऐसे नामों की फेहरिस्त बहुत लंबी है जो मानते हैं कि  हंसते रहने की कला मुश्किलों को आसान बना देती है।
मशहूर सिंगर मैडोना ने अपने लंबे सिंगिंग कैरियर में कई गलतियां की, जिसके कारण उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। लंबे समय तक मैडोना इसलिए बनी रहे, क्योंकि उन्होंने हमेशा अपनी कमियों को हंसते हुए स्वीकार किया। कुछ ऐसी ही सोच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भी है। खाने की बेहद शौकीन क्लिंटन को वर्ष 2004 में हार्ट की बाईपास सर्जरी करानी पड़ी थी। लोगों ने उनके खाने की आदत पर सवाल किए, उनका मजाक भी उड़ाया लेकिन ठीक होने के बाद भी वे अपने स्वास्थ्य के प्रति मजाकिया अंदाज में बातें करते रहे। अपनी कमियों को स्वीकार करके मुस्कुराते रहना इस बात का परिचायक है कि आप आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। इसलिए जब भी कोई आपकी गलतियों पर मजाक बनाए, इसे नकारात्मक लेने की बजाय सकारात्मक ले। दूसरों पर हंसने वालों की कमी नहीं है, लेकिन खुद पर हंसने से लोग भला क्यों कतराते हैं। जिंदगी को जिंदादिली के साथ जीने के लिए खुद की गलतियों पर भी हंसना जरूरी है।

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