Important News:कोरोना को मात दे रहा आयुर्वेद का काढ़ा

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  •  केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कोरोना संक्रमितों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने को तैयार कराया है देसी पेय

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो


Important News-दुनिया भर में कहर बरपा रहा कोरोना वायरस (कोविड-19)  को मात देने की रणनीति भारत में तैयार हो गई है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कोरोना संक्रमितों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाना कर वायरस का संक्रमण दूर करने के लिए देसी पेय तैयार किया है। अस्पतालों में भर्ती काेरोना संक्रमितों को सुबह-शाम पिलाया जा रहा है। जिससे मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दी जा रही है। यही वजह है कि देश में कोरोना मरीजों के सामने आने के अनुपात में रिकवरी रेट बेहतर है। मरीज रोजाना आयुष काढ़ा का सेवन कर अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना को मात देने में कामयाब हो रहे हैं।

विशेषज्ञाें का कहना है कि काेरोना वायरस का संक्रमण खत्म करने का फिलहाल दुनिया में कोई इलाज नहीं है। अंदाज से इलाज हो रहा है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन (एचसीक्यू), एजिथ्रोमाइसिन और विटामिन सी दवाएं दी जा रही हैं। कहीं टेमी फ्लू या अन्य दवाएं चलाई जा रही हैं। इसलिए दवाएं एवं वैक्सीन तैयार करने के लिए दुनिया भर में शोध हो रहे हैं। भारत में मरीजों के इलाज के दौरान यह सामने आया कि जिन मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी, वही संक्रमित हुए।

इन रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने आयुष मंत्रालय को प्रतिरोधक्षक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं का मिश्रण तैयार करने के काम पर लगाया था। कई चरणों के बाद मंत्रालय ने आयुष काढ़ा तैयार किया गया, जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हो रहा है। इसके कई चरण में परीक्षण भी सफल रहे। संस्थानों से अनुमति के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को कोरोना मरीजों के इलाज के साथ आयुष काढ़ा देने की सिफारिश की थी। दो माह से मरीजों काे सेवन कराया जा रहा है, जिससे संक्रमित तेजी से ठीक हो रहे हैं।  

जानें क्या है आयुष काढ़ा-Important News

केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने काढ़ा तैयार किया था, इसलिए इसका नाम आयुष काढ़ा अथवा क्वाथ नाम रखा गया है। इसमें 4-5 पत्ती तुलसी, आधा चम्मच सोंठ, आधा चम्मच दालचीनी, चार-पांच दाने पीसी काली मिर्च का मिश्रण है। इसे पानी में उबाला जाता है, जब पानी आधा रह जाए तो गुड़ या मुनक्का डाल कर गुनगुना ही सेवन किया जाता है। इसे अब कई कंपनियां बना रही हैं। 

यह है खासियत

तुलसी,  सोंठ,  दालचीनी,  काली मिर्च सभी एंटी इंफ्लेमेंट्री यानि शोथ हर हैं। इनमें  एंटी ऑक्सीडेंट,  एंटी माइक्रोबियल,  एंटी बैक्ट्रियल,  एंटी स्ट्रेस एजेंट,  इम्यूनो बूस्टर प्रॉपर्टी,  हारमोन को नियंत्रित करने के गुण हैं।

यह भी जानें

तुलसी : तुलसी में वोलेटाइल ऑयल ( सिनामेट, सित्रोनिलाल व लिनोलुल) होता है, जो प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंट होने के साथ इम्यूनिटी बूस्टर है।

काली मिर्च : इसका पिपेरिन नामक बायो एक्टिव कम्पाउंड भी इम्यूनिटी बढ़ाता है। जिससे संक्रमण से रक्षा के साथ कफ, पित्त व वात नियंत्रित होता है।

सोंठ : इसमें एंटी बैक्ट्रियल, मेटाबोलिज्म वृद्धि कारक, थर्मोजेनिक गुण होते हैं, जो सूजन कम करने के साथ बाहरी संक्रमण से बचाते हैं।

दाल चीनी : यह भी एंटीऑक्सीडेंट है, इसमें ऊतकों को रिपेयर करने की क्षमता एवं कोलेस्ट्रॉल कम करने के गुण हैं। 


कोरोना संक्रमिताें के लिए आयुष काढ़ा वरदान साबित हो रहा है। तुलसी का एंटी वायरल, अश्वगंधा के फाइटो केमिकल, गिलोय का टीनोकार्डिओसाइड कोरोना से बचाव करते हैं। इन सभी प्राकृतिक औषधियों में शोथ हर (सूजन कम करने ), ज्वर नाशक (बुखार खत्म करने) और संक्रमण समाप्त करने में सहायक हैं। अगर काढ़े में गिलोय, कालमेघ और नागर मोथा मिलाकर सेवन किया जाए तो और भी कारगर साबित होगा। आयुर्वेद औषधियों में इससे बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने वाला और कुछ नहीं है। 

- डॉ. निरंकार गोयल, वरिष्ठ आयुर्वेदिक विशेषज्ञ।

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