- पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लखनऊ एवं कानपुर नगर में होगा शुभारंभ
- आम नागरिकों को आधुनिक, आरामदायक और प्रदूषण रहित यात्रा सुविधा का मिलेगा लाभ
- इस योजना से प्रदेश के नगर सस्टेनेबल अर्बन मोबिलिटी की ओर होगे अग्रसर
प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ ऊर्जा और आधुनिक नगरीय परिवहन व्यवस्था की दिशा में बड़े कदम उठा रही है। इसी दिशा में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के उपरांत बताया कि प्रदेश में नेट कास्ट कॉन्ट्रैक्ट (एनसीसी) मॉडल पर इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) का जल्द संचालन प्रारंभ किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत कानपुर नगर, लखनऊ एवं उनके समीपवर्ती प्रमुख कस्बों तक ई-बसों का संचालन किया जाएगा।
मंत्री शर्मा ने बताया कि परियोजना के तहत निजी ऑपरेटरों द्वारा लखनऊ एवं कानपुर नगर में 10-10 मार्गों पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। प्रत्येक चयनित निजी ऑपरेटर को निर्धारित मार्गों पर ही बस संचालन की अनुमति होगी। चयनित रूट पर किसी अन्य निजी ऑपरेटर की नियुक्ति नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि अनुबंध की अवधि वाणिज्यिक संचालन तिथि से 12 वर्ष की होगी। इस अवधि में चयनित निजी बस ऑपरेटर ही बसों की खरीद, निर्माण, आपूर्ति, अनुरक्षण (मेंटेनेंस) एवं अन्य अवसंरचना की स्थापना करेंगे। इसके अतिरिक्त किराया संग्रहण की संपूर्ण जिम्मेदारी भी निजी ऑपरेटर की होगी।
मंत्री शर्मा ने कहा कि किराया एवं टैरिफ शुल्क निर्धारण की जिम्मेदारी सरकार की होगी। यह दरें समझौते की शर्तों के अनुरूप तय की जाएंगी, ताकि यात्रियों को सुविधाजनक एवं किफायती परिवहन उपलब्ध हो सके। साथ ही परिवहन विभाग एवं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीओ/आरटीए) से आवश्यक रूट लाइसेंस प्राप्त कर निजी ऑपरेटरों को बसें संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कदम परिवहन व्यवस्था का विस्तार नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण एवं जनहित से जुड़ी एक क्रांतिकारी पहल है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से जहां आम नागरिकों को आधुनिक, आरामदायक और प्रदूषण रहित यात्रा सुविधा मिलेगी, वहीं प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा और हरित तकनीक को बढ़ावा मिलेगा।
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रदेश के नगरों को सस्टेनेबल अर्बन मोबिलिटी की ओर अग्रसर करना है। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर इसे अन्य नगरों एवं महानगरों में भी विस्तारित किया जाएगा। इस परियोजना से नवीन रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। निजी निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा। निजी ऑपरेटरों की सक्रिय भागीदारी से सरकार के वित्तीय बोझ में कमी आएंगी। बेहतर सेवाएँ आमजन को मिलेंगी। मंत्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जनता को सुरक्षित, सुलभ, सस्ती एवं प्रदूषण रहित परिवहन सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगीं।




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