PWD Lucknow: राजधानी लखनऊ में कमर तोड़ू नहीं, अब टेबल टाप स्पीड ब्रेकर से थमेंगे हादसे

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पीडब्ल्यूडी का प्रांतीय खंड शहर में चिन्हित 23 दुर्घटना बाहुल्य ब्लैक स्पाट क्षेत्र में करा रहा निर्माण 


आईआईटी दिल्ली व आईआईटी बीएचयू की टीम के सेफ्टी आडिट रिपोर्ट पर कराया जा रहा सुधार
 




प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ



राजधानी लखनऊ में सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राजधानी के बाशिंदों को कमर तोड़ू स्पीड ब्रेकर से निजात दिलाने की कवायद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के प्रांतीय खंड ने शुरू कर दी है। शहर के अंदर की सड़कों पर वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2022 के दौरान 23 दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र (ब्लैक स्पाट) चिन्हित किए गए हैं, वहां स्पीड नियंत्रित करने के लिए टेबल टाप स्पीड ब्रेकर बनाने का कार्य कराया जा रहा है। इन स्थानों पर पहले कमर तोड़ू स्पीड ब्रेकर बने थे, उनकी जगह पर पीडब्ल्यूडी स्पीड टेबल एवं सरफेस टेक्सचरिंग का कार्य करा रहा है। 


यातायात पुलिस के आई-रड एप पर दुर्घटना सम्बन्धी डाटा फीडिंग के आधार पर यातायात निदेशालय द्वारा ब्लैक स्पाट का निर्धारण किया गया है। उसके बाद पीडब्ल्यूडी के विश्वकर्मा पोर्टल के माध्यम से सूचना प्राप्त होने पर केंद्र और राज्य सरकार ने आईआईटी दिल्ली एवं आईआईटी बीएचयू वाराणसी की टीम ने सड़कों, चौराहे और दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण व आंकड़ों का सेफ्टी आडिट किया है। इस रिपोर्ट में सुधार के उपाय, सड़कों व चौराहों पर बदलाव और स्पीड टेबल व सरफेस टेक्सचरिंग का कार्य कराने की अनुशंसा की है। उसके आधार पर पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सुधार संबंधी कार्य कराए जा रहे हैं। 



उद्देश्य है हादसे रोकना


पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मनीष वर्मा ने बताया कि इन कार्यों का मुख्य उद्देश्य दुर्घटनाओं की रोकथाम करना है। केबल टाप स्पीड ब्रेकर बनाने से वाहनों की गति नियंत्रित होगी। शहरी क्षेत्र में 23 ब्लैक स्पाट का चयन और निर्धारण पुलिस तथा यातायात विभाग की रिपोर्ट के आधार पर यातायात निदेशालय द्वारा किया गया है। उनकी अनुशंसा के आधार पर विभाग सुधार संबंधी कार्य कराता है।


23 स्थानों पर टेबल टाप स्पीड ब्रेकर 


राजधानी की अंदरूनी सड़कों पर 23 स्थानों पर टेबल टाप स्पीड ब्रेकर बनाने का कार्य कराया जा रहा है। स्पीड टेबल व सरफेस टेक्सचरिंग का कार्य IRC-99-2018 की गाइडलाइन और आईआईटी दिल्ली द्वारा निर्धारित मानकों तथा डिजाइन के अनुसार कराया जा रहा है। 


प्रमुख मार्गों पर पहले से लगे हैं यातायात संकेतक


पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मनीष वर्मा ने बताया कि लखनऊ क्षेत्र के महत्वपूर्ण मार्गों पर सुरक्षित व सुगम यातायात के लिए पहले से ही यातायात संकेतक लगे हुए हैं। इसके अलावा सभी प्रभारी अभियंताओं को निर्देशित किया गया है कि अगर किसी स्थान पर यातायात संकेतक लगाने की जरूरत लग रही है तो उसका तत्काल निर्धारण करते हुए यातायात संकेतक लगवाना सुनिश्चित कराएं।

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