Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (16 जुलाई 2022)

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दिनांक : 16 जुलाई, दिन : शनिवार 


विक्रम संवत : 2079


शक संवत : 1944


अयन - दक्षिणायन


ऋतु - वर्षा ऋतु


मास - श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार आषाढ़)


पक्ष - कृष्ण


तिथि - द्वितीया शाम 04:39 तक तत्पश्चात तृतीया


नक्षत्र - श्रवण शाम 05:31 तक तत्पश्चात धनिष्ठा


योग - प्रीति रात्रि 12:21 तक तत्पश्चात आयुष्मान्


राहुकाल - सुबह 11:05 से दोपहर 12:45 तक


सूर्योदय - 06:06


सूर्यास्त - 19:22


दिशाशूल - पश्चिम दिशा में


पंचक


पंचक का आरंभ- 15 जुलाई 2022, शुक्रवार को 28.19 मिनट से

पंचक का समापन- 20 जुलाई 2022, बुधवार को 12.51 मिनट पर।


एकादशी


 कामिका एकादशी जुलाई 24, 2022, रविवार


प्रदोष


जुलाई 2022 का दूसरा प्रदोष व्रत 25 जुलाई, सोमवार को किया जाएगा। इस दिन का पूजा मुहूर्त इस प्रकार रहेगा- शाम 07:17 से रात 09:21 तक।


तिथि - तृतीया दोपहर 01:27 तक तत्पश्चात चतुर्थी


नक्षत्र - धनिष्ठा शाम 03:10 तक तत्पश्चात शतभिषा


योग - आयुष्मान् रात्रि 08:50 तक तत्पश्चात सौभाग्य


राहुकाल - सुबह 09:25 से सुबह 11:05 तक


सूर्योदय - 06:07


सूर्यास्त - 19:22

(सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में जिलेवार अंतर संभव है)

दिशाशूल - पूर्व दिशा में


व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी (चंद्रोदय रात्रि 10:02), संक्रांति (पुण्यकाल) सूर्योदय से सूर्यास्त तक


विशेष - तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

    

वर्षा न हो तो


चित्रा नक्षत्र उसके स्वामी त्वष्टादेव | बरसात बरसानेवाले देव है ये | जिनके इलाखों में बरसात नहीं होती हो वहाँ जप खूब करो श्री आशारामायण के पाठ करो और

ॐ त्वष्टाय नम: | ..... ॐ त्वष्टाय नम:|.... ॐ त्वष्टाय नम: |  मंत्र का जप करे संकल्प पूर्वक के हमारे इलाके में बरसात हो | और गुरुमंत्र भी जपे और श्री आशारामायण के पाठ करो | ॐ वरुणाय नम: |  ॐ त्वष्टाय नम: |  ये कर सकते है |


कार्यों में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए


भगवान शिव की भक्ति का महीना श्रावण (सावन) (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) से शुरू हो चुका है। (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अषाढ़ मास चल रहा है वहां 29 जुलाई, शुक्रवार से श्रावण (सावन) मास आरंभ होगा) धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई उपाय करते हैं।


हनुमानजी शिवजी के अवतार माने गए हैं। सावन माह शिवजी की पूजा का माह है और इस महिने में हनुमानजी के उपाय भी विशेष रूप से किए जा सकते हैं। शिवपुराण के अनुसार शिवजी और उनके अवतारों की पूजा करने से कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और भाग्य का साथ मिलने लगता है। यहां जानिए सावन माह के हर मंगलवार को हनुमानजी के कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं।


सावन में हर मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी के ये 8 उपाय करें।


1-सुख-समृद्धि के लिए सोने से पहले घर के मंदिर में हनुमानजी का ध्यान करते हुए सरसों के तेल का मिट्टी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें ।

2-एक नारियल पर सिंदूर, मौली (धागा), चावल चढ़ाएं और पूजा करें ।पूजा के बाद ये नारियल हनुमानजी को अर्पित करें ।इस उपाय से बाधाएँ दूर होती हैं ।

3-पीपल के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाएं ।दिया जलाने के बाद ॐ रामदूताय नम: मंत्र का जप करें ।ये उपाय सभी परेशानियों से बचा सकता है ।

4-चमेली के तेल का दीपक हनुमानजी के सामने जलाकर, सिंदूर और लाल लंगोट अर्पित करें ।इस उपाय से परीक्षाओं में सफलता मिलती है ।

5-हनुमानजी के मंदिर में झंडे का दान करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है ।

6-हनुमानजी का फोटो घर में पवित्र स्थान पर इस प्रकार से लगाएं कि हनुमानजी दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए दिखाई दे रहे हों ।इस उपाय से विरोधियों पर विजय प्राप्त होती है ।

7-पीपल के 11 पत्ते लेकर साफ जल से धो लें ।इन पत्तों पर चंदन से या कुम कुम से श्रीराम का नाम लिखें ।इसके ये पत्ते हनुमानजी को चढ़ा दें ।इस उपाय से दुखों से मुक्ति मिलती है ।

8-हनुमानजी को लाल या पीले फूल जैसे कमल, गुलाब, गेंदा या सूर्यमुखी चढ़ाने से सभी सुख प्राप्त होते हैं ।

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