देशव्यापी बैंक हड़ताल का दूसरे दिन, मिला जुला असर

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निजीकरण के विरोध व पेंशन बहाली समेत 12 मांगो के लिए बैंककर्मियों ने दिखाई एकजुटता

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ

बैंक कर्मचारियों का संगठन ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) एवं अधिकारियों का संगठन ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन  (एआईबीओए) तथा बैंक कर्मचारी भारतीय संघ (बीई एफआई) के आवाहन पर आज दूसरे दिन मंगलवार को बैंकों ने देशव्यापी हड़ताल जारी रखी।

बैंक कर्मियों ने निजीकरण के विरोध, पुरानी पेंशन बहाली, नई भर्तियां करने, आउटसोर्सिंग बंद कराने, जमा राशि पर ब्याज बढ़ाने, ग्राहकों पर उच्च सेवा शुल्क पर रोक लगाने, एनपीए वसूली शुरू कराने आदि मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल की।

आज बैंक कर्मियों ने इंडियन बैंक मुख्यालय हजरतगंज (पूर्व इलाहाबाद बैंक), सेंट्रल बैंक हजरतगंज, यूनियन बैंक अलीगंज एवं केनरा बैंक गोमती नगर के सर्किल ऑफिस तथा पंजाब नेशनल बैंक जोनल ऑफिस के अतिरिक्त अपनी अपनी शाखाओं के बाहर जोरदार प्रदर्शन एवं सभा की।

इंडियन बैंक हजरतगंज शाखा के समक्ष प्रदर्शन में यू.पी.बैंक इम्पलाइज यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष काम0 दीप बाजपेई ने बताया कि सरकार हमारी मांगे नहीं मानती हैं तो हम लंबे संघर्ष के लिए बाध्य होंगे। बैंककर्मी तथा आम जनता हरहाल में सरकार को निजीकरण करने से रोकेंगे।सभा को अनेक बैंक कर्मी नेताओं ने संबोधित करते हुए मांगों के बारे में विस्तृत चर्चा की।

केनरा बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव एसके संगतानी  ने कहा- सरकार जनता की गाढ़ी कमाई, पूॅजीपतियों के हितों के लिये, बैंको का निजीकरण करके उन्हें सौंपना चाह रही है। यह जनता के साथ धोखाधड़ी है। 

आज की बैंक हड़ताल में मुख्य रूप से इंडियन बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक,सेंट्रल बैंक, केनरा बैंक, नैनीताल बैंक, फेडरल बैंक, ग्रामीण बैंक शामिल रहे।

इसके अतिरिक्त पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया आदि बैंकों में हड़ताल का आंशिक असर रहा।वहीं दूसरी ओर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक आदि बैंकों ने हड़ताल से दूरी बनाकर रखी। 

मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया कि दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से लखनऊ में लगभग 90 करोड़ तथा प्रदेश में 1000 करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा।

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