भोगनीपुर थाने के दारोगा ने महिलाओं को बेरहमी से पीटा, अभद्रता भी की

कानपुर देहात जिले की पुलिस ने मर्यादा की सीमाएं पार करते हुए महिलाओं के साथ की बदसलूकी



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर देहात


उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार और उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम नहीं लगा रही है। अभी लखीमपुर की घटना शांत भी नहीं हुई है। कानपुर देहात जिले में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जहां भोगनीपुर थाने की पुलिस ने मर्यादा की सारी सीमाएं पार करते हुए महिलाओं के साथ बदसलूकी की है। दबिश देने गई पुलिस ने घर की महिलाओं को पटक-पटक कर पीटा। दबिश के दौरान एक भी महिला सिपाही साथ नहीं थीं।


पंचायत चुनाव के नामांकन करने गई महिलाओं को लखीमपुर में नामांकन से रोका ही नहीं गया, बल्कि उनके साथ मारपीट और अभद्रता की गई। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मूकदर्शक बने रहे। इस घटना के चन्द रोज बाद ही योगी सरकार की पुलिस ने फिर महिलाओं पर अपना आपा खो दिया। 



इस बार मामला कानपुर देहात के भोगनीपुर थाना क्षेत्र के दुर्गदासपुर गांव का है। जहां चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर महेन्द पटेल अपने साथ चार सिपाहियों के साथ मिलकर एक परिवार पर जमकर कहर बरपाया। बिना महिला सिपाही को साथ लिए पीड़ित के घर दबिश देने पहुंच गए। चौकी इंचार्ज ने पूरे परिवार की महिलाओं से जमकर बदसलूकी की। 


शिवम की मां श्यामा देवी पत्नी इंद्रजीत को गिरा-गिरा कर मारा। चौकी इंचार्ज पीड़ित महिला के सीने पर चढ़ा गए। जब अपनी सास को बचाने के लिए उनकी बहू आरती आगे आई तो चौकी इंचार्ज ने उसे भी नहीं छोड़ा। उसको भी जमीन पर पटक कर उसके सीने पर चढ़ गए। चौकी इंचार्ज शिवम को गिरा-गिरा कर पूरे गांव के सामने मारते हुए थाने तक ले गए। 


हद तो यह है कि पीड़ित परिवार के खिलाफ कोई एनसीआर तक दर्ज नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत पीड़ित परिवार ने 16 जुलाई को बिल्हौर के विधायक भगवती प्रसाद सागर से की है। पीड़ितों ने परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना होने का अंदेशा जताया है। 


विधायक ने इस घटना से आईजी कानपुर जोन को घटना से अवगत कराया था। इसके बावजूद आईजी एवं विधायक के आदेश को ना मानते हुए चौकी इंचार्ज ने अमानवीय कृत को अंजाम दिया। अब देखना है कि महिलाओं के सम्मान में हमेशा आवाज बुलंद करने वाले प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री पीड़ित परिवार के साथ न्याय करते हैं।

Post a Comment

0 Comments