Prarabdh Today's Panchang : आज का पंचांग एवं व्रत-त्योहार (29 जून 2021)

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29 जून 2021, मंगलवार



विक्रम संवत : 2078 (गुजरात- 2077)


शक संवत : 1943


अयन : दक्षिणायन


ऋतु : वर्षा


मास : आषाढ़ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार-ज्येष्ठ)


पक्ष : कृष्ण


तिथि - पंचमी दोपहर 01:22 तक तत्पश्चात षष्ठी


नक्षत्र - शतभिषा 30 जून रात्रि 01:02 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद


योग - प्रीति दोपहर 12:21 तक तत्पश्चात आयुष्मान्


राहुकाल - शाम 04:03 से शाम 05:44 तक


सूर्योदय : प्रात: 06:01 बजे


सूर्यास्त : संध्या 19:23 बजे


दिशाशूल - उत्तर दिशा में


व्रत पर्व विवरण - 


 विशेष -


पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


पंचक


पंचक आरम्भ


जून 28, सोमवार दोपहर 01:00 बजे से


पंचक अंत


जुलाई 3, शनिवार सुबह 06:14 बजे


पंचक आरम्भ


जुलाई 25, रविवार रात 10:48 बजे


पंचक अंत


जुलाई 30, शुक्रवार दोपहर 02:03 बजे



व्रत पर्व विशेष


चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)



व्रत-त्योहार विवरण


एकादशी


5 जुलाई : योगिनी एकादशी


20 जुलाई : देवशयनी, हरिशयनी एकादशी


प्रदोष


07 जुलाई : प्रदोष व्रत


21 जुलाई : प्रदोष व्रत


पूर्णिमा


23 जुलाई : आषाढ़ पूर्णिमा व्रत


22 अगस्त : श्रावण पूर्णिमा


अमावस्या


अमावस्या तिथि : 09 जुलाई, सुबह 5:16 बजे से 10 जुलाई, 6:46 बजे


हरियाली अमावस्या : 07 अगस्त 7:11 बजे से 08 अगस्त 7:20 बजे





किसीको मिर्गी की तकलीफ हो तो


किसीको मिर्गी की तकलीफ है तो २ चम्मच प्याज का रस पिलाकर ऊपर से आधा चम्मच भुना हुआ जीरा खिला दो | मिर्गी की बीमारी में ५ – १० दिन में लाभ होगा |


क्रोध आये तो


क्रोध दूर करने का एक सरल प्रयोग भी है ।क्रोध आये तो मुट्ठियाँ बंद कर लो | दोनों हाथों की मुट्ठियाँ ऐसे बंद करें कि नखों के दबाव से हथेलियाँ दबें | इससे क्रोध दूर होने में मदद मिलेगी |

         

वास्तु शास्त्र-

बर्तन-

कई लोग घर में टूटे-फूटे बर्तन भी रखे रहते हैं जो कि अशुभ प्रभाव देते हैं। शास्त्रों के अनुसार घर में टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखना चाहिए। यदि ऐसे बर्तन घर में रखे जाते हैं तो इससे महालक्ष्मी असप्रसन्न होती हैं और दरिद्रता का प्रवेश हमारे घर में हो सकता है। टूटे-फूटे और बेकार बर्तन घर में जगह भी घेरते हैं, इससे वास्तु दोष भी उत्पन्न होता है। वास्तु दोष उत्पन्न होने पर नकारात्मक फल मिलने लगते हैं।


 भूत प्रेत मैली विद्या


रोज सुबह नहाकर सूर्य भगवान को जल देकर ही कुछ खाएं पियें।


4 बार गायत्री मंत्र बोल कर सूर्य को जल देनेवाले पर भूत प्रेत मैली विद्या असर नहीं करती।

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