PIL IN Allahabad Highcourt : इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती

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  • अयोध्या में पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद और अस्पताल के निर्माण के लिए बना है ट्रस्ट
  • ट्रस्ट गठन के दस्तावेज दाखिल करने को दिया चार हफ्ते का समय, सुनवाई 26 जुलाई को



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, प्रयागराज


सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से अयोध्या में मस्जिद एवं अस्पताल के निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की वैधता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याची की मांग है कि ट्रस्ट के गठन संबंधी दस्तावेज मंगाकर रद किया जाए। ट्रस्ट के गठन पर भी रोक लगाई जाए।


कोर्ट ने कहा कि जिन दस्तावेजों को रद करने की मांग की गई है। वह याचिका के साथ दाखिल ही नहीं किए गए हैं। ऐसे में जो दस्तावेज कोर्ट में हैं ही नहीं, उन्हें रद करने पर विचार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने दस्तावेज तलब कर रद करने की मांग को अस्वीकार कर दिया, किंतु न्याय हित में याची को चार हफ्ते में दस्तावेज दाखिल करने का समय दिया है। साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि यदि दस्तावेज दाखिल नहीं किए गए तो याचिका स्वतः खारिज हो जाएगी। याचिका पर अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।


यह आदेश मुख्य न्यायाधीश संजय यादव तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पांडिया की खंडपीठ ने नदीम अहमद और अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।

याचिका में 01जुलाई 2020 को जारी ट्रस्ट गठन की अधिसूचना को भी रद किए जाने की मांग की गई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अन्य जनहित याचिका में इस अधिसूचना को वैध करार दिया जा चुका है।


मालूम हो कि अयोध्या में राम मंदिर मस्जिद विवाद का निपटारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए नगर से बाहर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था, जिसे बोर्ड ने स्वीकार किया था। उस पर मस्जिद और अस्पताल बनाने के लिए ट्रस्ट का गठन किया गया है। याची का दावा है कि ट्रस्ट गठित करने के दस्तावेज वैध नहीं हैं। कोर्ट सम्मन कर उन्हें रद करे।


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