Dharm-Aadhyatm : पंचांग और व्रत-त्योहार

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14 जनवरी 2021, गुरुवार


विक्रम संवत 2077, शक संवत 1942


दक्षिणायन, शिशिर ऋतु, पौष मास, शुक्ल पक्ष


प्रतिपदा तिथि सुबह 09:01 बजे तक तत्पश्चात द्वितीया


श्रवण नक्षत्र 15 जनवरी प्रातः 05:05 बजे तक तत्पश्चात धनिष्ठा


वज्र योग रात्रि 10:06 बजे तक तत्पश्चात सिद्धि


राहुकाल दोपहर 02:10 बजे से शाम 03:33 बजे तक


सूर्योदय 07:19 बजे सूर्यास्त 18:15 बजे


दिशाशूल दक्षिण दिशा में


व्रत पर्व विवरण - मकर संक्रांति (पुण्यकाल सुबह 08:16 बजे से शाम 04:16 बजे तक) चन्द्र दर्शन, हरिद्वार कुंभ स्नान


विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

उत्तरायण/ सूर्य मंत्र का जप करें। वो ब्रह्मवेत्ता महाव्याधि और भय, दरिद्रता और पाप से मुक्त हो जाता है।


सूर्य देव का मूल मंत्र है


ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः।


ये पद्म पुराण में आता है ....


सूर्य नमस्कार करने से ओज, तेज और बुद्धि की बढोत्तरी होती है।

ॐ सूर्याय नमः।

ॐ रवये नमः।

ॐ भानवे नमः।

ॐ खगाय नमः।

ॐ अर्काय नमः।


सूर्य नमस्कार करने से आदमी ओजस्वी, तेजस्वी और बलवान बनता है। इसे करने से साथ में प्राणायाम भी हो जाता है।


विशेष -14 जनवरी 2021 गुरुवार को मकर संक्रांति (पुण्यकाल : सुबह 08:16 बजे से शाम 04:16 बजे तक) है।


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