दर्द से निजात में आपके 20 मिली खून की अहमियत

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प्रारब्ध रिसर्च डेस्क
 

हर पांचवें शख्स को तीव्र दर्द (क्रॉनिक पेन) की समस्या होती है । इस तरह के दर्द से अगर कोई भी पीड़ित हैं तो किसी भी दवाई की जरूरत नहीं है अपने ही 20 मिलीलीटर खून से तीव्र दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान में अब रीजनरेटिव मेडिसिन की सुविधा शुरू हो गई है।  यहाँ के एनेस्थीसिया विभाग की ओर से संचालित पेन यूनिट के तहत मरीजों को यह सुविधा दी जा रही है। इसमें मरीज का ही खून लेकर उसमें से प्लेटलेट रिच प्लाज्मा निकालकर पेन वाली जगह पर डाल दिया जाता है ।

नहीं होगा कोई ऑपरेशन
यूनिट को संचालित करने वाले फिजीशियन डॉ अनुराग अग्रवाल ने बताया की कोहनी, घुटने, कमर और एड़ी में अक्सर मरीजों को तीव्र दर्द होता है। घुटने में कार्टिलेज घिस जाने पर चलने ,उठने और बैठने में तीव्र दर्द होता है। रीजनरेटिव मेडिसिन में इस तकनीक को ऑटोलॉगस बोलते हैं ।इसमें मरीज के खून से ही प्लेटलेट्स रिच प्लाजमा निकालते हैं। इसमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो उनको दोबारा जनरेट करने में मदद करते हैं। अच्छी बात यह है कि इसमें बिना किसी ऑपरेशन के जैसे दिल के ब्लॉकेज खोलने के लिए शरीर में तार डालकर एंजियोप्लास्टी करते हैं ,उसी तरह सी आर्म क्लोरोस्कोप से यह प्लाज्मा उस जगह पर डालते हैं जहां टिस्यू घिस गया है ताकि वह दोबारा जनरेट हो सके।

 महज दो हजार खर्च
महज एक-दो हजार में  ही हो जाती है। अच्छी बात यह है की कई मरीजों को इसे करवाने के तुरंत बाद ही दर्द से आराम मिलना शुरू हो जाता है ।जिन्हें ज्यादा दिक्कत होती है उन्हें दो से तीन दिन में असर महसूस होने लगता है। युवाओं में डिस्क में क्रैक आने की समस्या भी बढ़ रही है जिससे उन्हें तीव्र दर्द होता है, उसमें भी यह कारागार है।

 चलती है पेन ओपीडी और ओटी भी 
डॉ अनुराग ने बताया कि लोहिया संस्थान में तीव्र दर्द के लिए पेन ओटी चलती है, जहां दर्द से छुटकारे के लिए सभी जरूरी सर्जरी संभव है। इसके अलावा सोमवार ,बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को पेन ओपीडी भी संचालित की जा रही है। जल्दी एक पोस्ट एमडी फेलोशिप प्रोग्राम भी शुरू होगा इसके तहत डॉक्टरों को रखा जाएगा।

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