मंत्री ने कहा, अधिकारी नियमित रूप से गोशालाओं का निरीक्षण करें
हर गोशाला पर सीसीटीवी कैमरे लगाए और क्रियाशील भी कराएं
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| समीक्षा बैठक करते पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री। |
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि ठंड से किसी गोवंश की मृत्यु न होने पाए। इसलिए अभी से हर गोआश्रय स्थलों पर सभी सुविधाएं और संसाधन मुहैया करा दिए जाएं। साथ ही प्रदेश के सभी गोआश्रय स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और उन्हें क्रियाशील भी कराया जाए। वह एक सप्ताह में प्रदेश के सभी गोआश्रय स्थलों पर व्यवस्थाओं को लेकर नोडल अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण आख्या के आधार पर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे।
श्री सिंह ने कहा कि अधिकारी नियमित गोशालाओं का निरीक्षण करते रहें। गोशालाओं में प्रकाश की व्यवस्था आवश्यक की जाए। गोवंश के लिए हरे चारे, ठंड से बचाव के लिए तिरपाल, औषधियां, पेयजल आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। प्रत्येक गोशाला पर सीसीटीवी क्रियाशील कराएं और वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों पर ड्रोन के उपयोग की संभावनाओं पर विचार कर कार्यवाही की जाए।
श्री सिंह ने प्रदेश में निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए संचालित गोआश्रय स्थलों के संचालन, प्रबंधन तथा संरक्षित गोवंश के भरण पोषण, पराली संग्रहण के पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन तथा जनपदों में एलएसडी बीमारी के संक्रमण की रोकथाम/नियंत्रण तथा दुग्ध समितियों के संचालन की स्थिति की मण्डलवार गहन समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि अयोध्या जिले में सभी गोआश्रय स्थलों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और अधिकतर स्थलों पर पराली संग्रहण किया जा रहा है। बाराबंकी जिले में संरक्षित गोवंशों के सापेक्ष भरण पोषण के लिए पर्याप्त मात्रा में भूसा, साइलेज, पशु आहार एवं हरा चारा तथा शीघ्र रूप से बचाव के प्रबंध पाये गये हैं। कासगंज जिले में हरे चारे उपलब्ध है व साइलेज की उपलब्धता नहीं है। अस्थायी गोआश्रय स्थल मण्डी समिति में अतिरिक्त शेड की आवश्यकता है। हापुड़ जिले में ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा गोआश्रय स्थलों का नियमित भ्रमण नहीं किया जा रहा, जिससे गोवंशों को प्रचुर मात्रा में हरा चारा, दाना, भूसा इत्यादि उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इस वजह से निराश्रित गोवंश यत्र तत्र विचरण करते दिखे।
महराजगंज जिले में गोआश्रय स्थलों में सीसीटीवी कैमरे संचालित नहीं पाए गए। कानपुर देहात जिले में मैथा ब्लाक अंतर्गत गोआश्रय स्थलों में गोवंशों को हरा चारा नहीं खिलाया जा रहा है। वहां के अभिलेख भी पूर्ण नहीं मिले हैं। प्रतापगढ़ जिले में पशुआहार का टेण्डर नहीं हुआ है। गोआश्रय स्थलों पर सफाई की व्यवस्था संतोषजनक नहीं पाई गई।
श्री सिंह ने समीक्षा के उपरांत अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां कमी पाई गई है वहां निराश्रित गोवंश की बेहतर देखभाल, रखरखाव एवं अन्य व्यवस्थाओं को शीघ्र दुरूस्त किया जाए। ठंड से किसी भी गोवंश की मृत्यु न हो। पशुचिकित्साधिकारी गौ आश्रयस्थल पर जाकर गोवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं औषधि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि दुग्ध समितियां किसी भी दशा में बंद न होने पाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित गौवंश सरकार की प्राथमिकताओं में है। समस्त जिम्मेदार अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रशासनिक अधिकारियों के स्तर पर गौशालाओं की व्यवस्था में कोई कमी नहीं रहे।
श्री सिंह ने कहा कि योगी सरकार निराश्रित गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। गोवंश शेड, खाना व पानी पीने की चरहिया, खडंजा आदि मजबूत एवं व्यवस्थित तरीके से निर्मित कराया जाए। जिन गौ आश्रय स्थलों में अव्यवस्था या गौवंश की देखभाल संबंधी कोई भी शिकायत संज्ञान में आए वहां तत्काल सुधार किया जाए। अवस्थापना संबंधी कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास मुकेश मेश्राम ने मंत्री जी को आश्वस्त करते हुए कहा कि गोआश्रय स्थलों पर सभी व्यवस्थाएं उनके निर्देशानुसार सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गोशालाओं पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न होने पाए और गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव कार्य किया जाए। गोसंरक्षण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता स्वीकार्य नहीं होगी। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में 7560 निराश्रित गोआश्रय स्थल हैं, जिनमें 1235253 गोवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत कुल गोवंश 180919 हैं, जिनसे 114628 लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पीसीडीएफ के एमडी वैभव श्रीवास्तव, दुग्ध आयुक्त के धनलक्ष्मी, विशेष सचिव दुग्ध राम सहाय यादव, पशुपालन विभाग के निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डॉ. मेमपाल सिंह, सीईओ यूपी एलडीबी के डॉ. पीएन सिंह तथा संयुक्त निदेशक डॉ. पीके सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।



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