मानवाधिकार और रोजमर्रा की ज़रूरतें विषय पर आयोजित व्याख्यान की वक्ता रहीं विधि विश्वविद्यालय की प्रोफेसर
बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोतीनगर में मनाया गया मानवाधिकार के प्रति जागरूकता कार्यक्रम
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| प्रधानाचार्य डॉ नीना मिश्रा व मुख्य अतिथि प्रो. मञ्जूषा तिवारी |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
मानवाधिकार प्रत्येक व्यक्ति को मिलने वाले वे अधिकार हैं जो उसकी मूल गरिमा, स्वतंत्रता और समानता को सुनिश्चित करते हैं। यह अधिकार व्यक्ति के जाति, धर्म, लिंग या राष्ट्रीयता से ऊपर होते हैं। ये अधिकार दुनिया भर में सुनिश्चित किए जाते हैं, ताकि हर व्यक्ति को जीवन में समान अवसर मिल सकें। मानवाधिकार जीवन के विविध पहलुओं से भी जुड़े हुए हैं, क्योंकि इनसे प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त, स्वस्थ और सुरक्षित भोजन का अधिकार है। यह अधिकार शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक विकास और समग्र कल्याण के लिए जरूरी है। ये बातें बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोतीनगर में गुरुवार को आयोजित मानवाधिकार के प्रति जागरूकता कार्यक्रम में छात्राओं व शिक्षिकाओं की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए बतौर मुख्य अतिथि मुख्य व वक्ता राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ की प्रो. मञ्जूषा तिवारी ने कहीं।
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| प्रतियोगिता की विजेता छात्राओं के साथ मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य व शिक्षिकाएं। |
उन्होंने मानवाधिकार, हमारी रोजमर्रा की ज़रूरतें विषय पर सारगर्भित व्याख्यान देते हुए कहा कि जब लोग पोषण से वंचित होते हैं तो पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं। बीमारियों से बचाव, इलाज और उचित देखभाल का अधिकार हर व्यक्ति को उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायता करता है। साथ ही शिक्षा का अधिकार बुनियादी मानवाधिकार है, जो हर बच्चे को समान अवसर देता है। यह अधिकार समाज में आर्थिक व सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने में सहायक है। यह लोगों को आत्मनिर्भर और समृद्ध जीवन जीने के लिए जरूरी कौशल भी प्रदान करता है। जीने का अधिकार और उचित आवास प्राप्त करना भी मानवाधिकारों का हिस्सा है। हर व्यक्ति को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में रहने का अधिकार है।
मानवाधिकार प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचार, आस्था और व्यक्तित्व के विकास की स्वतंत्रता प्रदान करता है। व्यक्ति को रोजगार प्राप्त करने और अपनी मेहनत से जीवन यापन करने का अधिकार है। इस अधिकार से जुड़े पहलू, जैसे कि उचित वेतन, कार्यस्थल पर सुरक्षित और न्यायपूर्ण वातावरण और श्रमिक अधिकारों का संरक्षण, यह सुनिश्चित करते हैं। हर व्यक्ति को अपनी संस्कृति, परंपराओं और आस्थाओं का पालन करने का अधिकार है। यह अधिकार न केवल व्यक्तिगत पहचान को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि सामाजिक विविधता को भी बढ़ावा देता है। सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण से समाज में एकता और भाईचारे का वातावरण बनता है।
प्रधानाचार्य डॉ. लीना मिश्र ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि खानपान और पोषण, स्वास्थ्य और चिकित्सा, शिक्षा, आवास और जीवन की गुणवत्ता, स्वतंत्रता और समानता, कार्य और न्याय, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अधिकार नागरिकों के रोजमर्रा के अधिकार हैं जो निर्बाध तरीके से उन्हें सहज उपलब्ध रहने चाहिए। इसके लिए शासन-सत्ता के साथ हमें भी अपने स्तर से प्रयास कर उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए।
कार्यक्रम में छात्राओं और शिक्षिकाओं ने प्रो. मञ्जूषा तिवारी से प्रश्न पूछ कर जिज्ञासा शांत की। इस विषय पर छात्राओं ने पूनम यादव, मंजुला यादव और प्रतिभा रानी के निर्देशन में स्लोगन और पोस्टर बनाए। अतिथि ने स्लोगन प्रतियोगिता में विजयी छात्राओं मुस्कान कन्नौजिया, आराधना निषाद, सलोनी और मुस्कान तथा पोस्टर प्रतियोगिता में मांडवी सिंह, सोनी सिंह, महक एवं आफरीन को मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में उमा रानी यादव, पूनम यादव, उत्तरा सिंह, अनीता श्रीवास्तव, माधवी सिंह, रागिनी यादव, मंजुला यादव, मीनाक्षी गौतम, प्रतिभा रानी और रितु सिंह उपस्थित रहीं।












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