किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने प्रो. सूर्यकान्त को दी बधाई
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| प्रो. सूर्यकांत। |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्यकान्त को एम्स भुवनेश्वर के मेम्बर ऑफ इंस्टीट्यूट बॉडी के रूप में नियुक्त किया गया है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना एसओ 5424(ई) के अनुसार, जिसे राजपत्र संख्या CG-DL-E-03122025-268185 के अंतर्गत प्रकाशित किया गया है।
एम्स भुवनेश्वर के निदेशक की ओर से जारी आधिकारिक संदेश में प्रो. सूर्यकान्त को बधाई देते हुए कहा गया है कि संस्थान के सम्मानित निकाय में उनका शामिल होना एम्स परिवार के लिए अत्यंत गर्व की बात है। संदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि प्रो. सूर्यकान्त का व्यापक अनुभव, उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान, संस्थान के विकास एवं प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने में सहायक सिद्ध होगा।
संस्थान ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रो. सूर्यकान्त के सहयोग, मार्गदर्शन और दूरदर्शिता से एम्स भुवनेश्वर चिकित्सा शिक्षा, रिसर्च और उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में और भी ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। प्रो. सूर्यकान्त के साथ मिलकर संस्थान के समग्र विकास के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में उनके योगदान से संस्थान को नई दिशा और इसके विकास को और गति मिलेगी। उनकी नियुक्त पर केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बधाई दी है। उनके निरंतर उत्कृष्ट कार्यों की सराहना भी की है।
प्रो. सूर्यकान्त का नाम विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किया जा चुका है। वे विगत 27 वर्षों से चिकित्सा शिक्षा में संलग्न हैं, जिनमें से 20 वर्षों से प्रोफेसर और 14 वर्षों से विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान से संबंधित विषयों पर 22 पुस्तकें लिखी हैं। एलर्जी, अस्थमा, क्षय (टीबी) और फेफड़ों के कैंसर जैसे क्षेत्रों में उनके 1000 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं। साथ ही दो अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट भी उनके नाम दर्ज हैं।
प्रो. सूर्यकान्त ने अब तक लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया है। साथ ही 50 से अधिक शोध परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। उन्होंने 22 फैलोशिप और 21 ओरेशन अवॉर्ड प्राप्त किए हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा कुल 222 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। नई शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर 29 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी भाषा में जारी की गई 100 पुस्तकों में प्रो. सूर्यकान्त की दो पुस्तकों को भी शामिल किया गया है।
प्रो. सूर्यकान्त की विशेषज्ञता कई प्रतिष्ठित पदों पर उनकी भूमिका से परिलक्षित होती है। वर्तमान में प्रो. सूर्यकान्त राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जोनल टास्क फोर्स (नॉर्थ जोन) के अध्यक्ष हैं। पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर (पीआरसी) के संस्थापक प्रभारी एवं आर्गेनाइजेशन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ़ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। वे पूर्व में इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी, इंडियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन्स (एनसीसीपी) और इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही वे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) लखनऊ के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के चेयरमैन और इंडियन स्टडी अगेंस्ट स्मोकिंग के महासचिव भी रहे हैं।
प्रो. सूर्यकान्त पिछले ढाई दशकों से लेख, व्याख्यान, टेलीविज़न, रेडियो, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से टीबी, अस्थमा, एलर्जी, लंग कैंसर एवं श्वसन से संबंधित अन्य बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने में सक्रिय हैं।



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