प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
हमारी संस्कृति, सभ्यता और स्वतंत्रता के प्रतिबिंब हमारे राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के गौरवशाली 150 वर्षों पूर्ण होने पर भाजपा लखनऊ महानगर के तत्वावधान में सीतापुर रोड स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, महापौर सुषमा खर्कवाल व बच्चों ने सामूहिक गायन किया। गीतगान कार्यक्रम में जनसहभागिता के साथ राष्ट्रभावना का अद्भुत संगम देखने को मिला।
राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि आज हम सभी वंदे मातरम् राष्ट्रगीत के 150 वर्ष बना रहे हैं। वंदे मातरम गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखा गया था। उन्होंने वर्ष 1875 में इसे लिखा था, लेकिन यह तब सभी जनों तक नहीं पहुंच सका था। जब वर्ष 1882 में प्रसिद्ध उपन्यास आनंद मठ में इसे प्रकाशित किया गया तो इसमें मातृभूमि की जो वंदना है उसको खूब पसंद किया गया । उसके बाद से जन-जन में यह प्रचारित होने लगा।
वर्ष 1896 में रविंद्र नाथ टैगोर ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में इस गीत को गाया गया था। जब वंदे मातरम गीत को गाया तो हर क्रांतिकारी की जुबान पर यह गीत गुनगुनाने लगा। वंदे मातरम का अर्थ होता है हम सच्चे भारतीय हैं सभी के जीवन में रक्त का संचार देश के प्रति समर्पण समन्वय का भाव पैदा करने वाला एक सूत्र में बांधने वाला है। वर्ष 1896 में गाया गया गीत आगे बढ़ता गया और वर्ष 1905 में जब बंगाल में मल्हार राग में इसकी संगीतमय प्रस्तुति दी गई। उसके बाद इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में वर्ष 1923 में कांग्रेस अधिवेशन में रखा गया। अधिवेशन में इसको गाने के लिए लोग खड़े हुए तो वहां पर कुछ लोगों ने विरोध किया। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने यह कहकर गाने से मनाकर दिया था कि हमारे धर्म से मेल नहीं खाता है।
वर्ष 1950 में संविधान सभा में राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया । आज 150 वर्ष पूर्ण होने पर दिल्ली में वंदे मातरम पर टिकट भी जारी किया गया है। वन्दे मातरम का सिक्का जारी किया गया है, यही राष्ट्रीय भावना है यह देश के प्रति प्रेम है पूरे देश 7 से 15 नवंबर तक मुहल्ले, वार्ड, चौराहा पर यह राष्ट्र गीत गया जाएगा। एक शंखनाद होगा यह भारत भूमि है इस भूमि के प्रति मेरा कर्तव्य है। यही भाव पैदा करना है कि 150 वर्ष पूर्ण होने पर पूरे देश में राष्ट्र गीत के प्रति उत्सव रूप में मनाया जाएगा।
वहीं, लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने कहा कि हम सभी 150 वर्ष पूर्ण होने पर वंदे मातरम गीत का उत्सव मना रहे हैं। सभी ने पढ़ा होगा कि वंदे मातरम एक गीत ही नहीं है, वंदे मातरम उस आजादी का जय घोष था। इस गीत के उद्घोष ने अंग्रेज शासन को हिला कर रख दिया था। हम सभी जब वंदे मातरम का जय घोष करते हैं तो निश्चित तौर पर हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा बहती है।
इस अवसर पर महामंत्री राम अवतार कन्नौजिया, संयोजक डॉ विवेक सिंह तोमर, प्रबंधक अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष धनश्याम दास अग्रवाल, अनुराग साहू, सौरभ वाल्मीकि जी, टिंकू सोनकर, राकेश सिंह, सीता नेगी, नम्रता श्रीनेत, मंडल अध्यक्ष शैलेन्द्र मौर्या, पार्षद प्रदीप शुक्ला, विनय पटेल आकाश सिंह जी व उपस्थित रहे।


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