Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (19 सितंबर 2025)

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दिनांक : 19 सितम्बर 2025


दिन : शुक्रवार    


विक्रम संवत् : 2082


अयन : दक्षिणायण


ऋतु : शरद


मास : आश्विन


पक्ष : कृष्ण


तिथि : त्रयोदशी रात्री 11:36 तक तत्पश्चात चतुर्दशी  


नक्षत्र : अश्लेषा प्रातः 07:05 बजे तक तत्पश्चात मघा  


योग : सिद्ध रात्रि 08:41 बजे तक तत्पश्चात साध्य  


करण : गर दोपहर 11:27 बजे तक तत्पश्चात वणिज   


राहुकाल : सुबह 10:31 बजे से दोपहर 12:02 बजे तक 

   
सूर्योदय : प्रातः 05:56 बजे 

     
सूर्यास्त : संध्या 06:08 बजे 

 
दिशा शूल : पश्चिम दिशा में


ब्रह्ममुहूर्त : प्रातः 04:18 बजे से प्रातः 05:03 बजे तक


अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:40 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक 


निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:46 बजे से रात्रि 12:32 बजे तक 


सूर्य राशि : कन्या   


चंद्रमा राशि : कर्क प्रातः 07:05 बजे तक    


बृहस्पति राशि : मिथुन 


व्रत पर्व विवरण 


त्रयोदशी श्राद्ध, शुक्र प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, कलि युग, भद्रा, गण्ड मूल।


कर्ज-मुक्ति के लिए मासिक शिवरात्रि 


 19 सितम्बर 2025 शुक्रवार को मासिक शिवरात्रि है। हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्‍त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते- करते ये 17 मंत्र बोलें, जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो, वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोले।इससे कर्जा से मुक्ति मिलेगी।


 1. ॐ शिवाय नम:


 2. ॐ सर्वात्मने नम: 


 3. ॐ त्रिनेत्राय नम:


 4. ॐ हराय नम:


 5. ॐ इन्द्र्मुखाय नम:


 6. ॐ श्रीकंठाय नम:


 7. ॐ सद्योजाताय नम:


 8. ॐ वामदेवाय नम: 


 9. ॐ अघोरह्र्द्याय नम: 


 10. ॐ तत्पुरुषाय नम:


 11. ॐ ईशानाय नम:


 12. ॐ अनंतधर्माय नम:


 13. ॐ ज्ञानभूताय नम:


 14.  ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:


 15. ॐ प्रधानाय नम: 


 16. ॐ व्योमात्मने नम: 


 17. ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:


आर्थिक परेशानी से बचने के लिए हर महीने में शिवरात्रि (मासिक शिवरात्रि - कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी) को आती है, तो उस दिन जिसके घर में आर्थिक कष्ट रहते हैं वो शाम के समय या संध्या के समय जप-प्रार्थना करें एवं शिवमंदिर में दीप-दान करें और रात को जब 12 बज जाएं तो थोड़ी देर जाग कर जप और एक श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें। सभी प्रकार की आर्थिक परेशानी दूर हो जाएगी।


प्रति वर्ष में एक महाशिवरात्रि आती है और हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि आती है। उस दिन शाम को बराबर सूर्यास्त हो रहा हो उस समय एक दिया पर पाँच लंबी बत्तियाँ अलग-अलग उस एक में हो शिवलिंग के आगे जला के रखना। बैठ कर भगवान शिवजी के नाम का जप करना प्रार्थना करना,  जिससे व्यक्ति के सिर पर से कर्जा  जल्दी उतरता है। आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं।

            
प्रदोष व्रत 


प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 19 सितम्बर, शुक्रवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है।


 व्रत व पूजा की विधि 


प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।


पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें। भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
भगवान शिवजी  की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन  ब्रह्मचर्य का पालन करें।


ये उपाय करें


सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी  को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी  की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।

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