-पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री बोले, गौवंश का संरक्षण एवं संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता
-पशुपालक और किसान गोवंश के दूध देना बंद करने पर निराश्रित कतई न छोड़ें : धर्मपाल सिंह
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने गुरुवार को बख्शी का तालाब स्थित महिजावां एवं इन्दारा के अस्थायी गौवंश संरक्षण केन्द्र का निरीक्षण किया।मंत्री ने कहा कि गोआश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाया जाए।गोआश्रय स्थलों के स्वावलम्बन के लिए गौ जनित पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को भी गोआश्रय स्थलों से जोड़ा जाए।गोआश्रय स्थलों में गोबर के कंडे तथा कम्पोस्ट खाद बनाने और उसकी बिक्री करने का भी सुझाव दिया।ताकि राेजगार मिल सके।
पशुधन मंत्री ने निरीक्षण के दौरान गोवंश के लिए उपलब्ध चारा, भूसा, चिकित्सा, औषधियॉ, प्रकाश एवं सुरक्षा आदि व्यवस्थाएं देखीं। उन्होंने हरे चारे की उपलब्धता में कमी पर नाराजगी भी जताई। गौवंश के लिए निरन्तर हरा चारा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मंत्री ने गौशाला में गायों को धूप, गर्मी, बरसात व ठंड से बचाने के लिए टिन शेड की व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही खड़ंजा लगाने के भी निर्देश दिए। महिजावां में 226 गोवंश तथा इन्दारा गोआश्रय स्थल में 162 गोवंश संरक्षित मिले।
पशुधन मंत्री ने गोआश्रय स्थल पर गोवंश को केला, चना एवं गुड़ खिलाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों में गायों के लिए निरन्तर पौष्टिक एवं हरा चारा, भूसा एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गोवंश के संरक्षण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री ने बक्शी का तालाब (बीकेटी) ब्लाक में गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए समीक्षा बैठक भी की। कहा कि गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।सरकार का उद्देश्य गौ आश्रय स्थलों के माध्यम से गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही गौजनित पदार्थों के माध्यम से गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। ताकि स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकें।इसी कड़ी में सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने पशुपालक व किसान से अपील की कि गोवंश के दूध देना बंद करने के बाद उन्हें निराश्रित न छोड़ें। मंत्री ने गोवंशों को रेडियम बेल्ट भी पहनाई।
बैठक में विधायक बीकेटी योगेश शुक्ला, रामेन्द्र सिंह, अपर निदेशक डॉ. गोपेश श्रीवास्तव, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. सुरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी अजीत सिंह, उपायुक्त मनरेगा सुशील कुमार सिंह, बीकेटी बीडीओ पूजा पाण्डेय, एसडीएम बीकेटी साहिल कुमार, संयुक्त निदेशक प्रक्षेत्र डॉ. सुनील कुमार राय व अन्य मौजूद रहे।


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