प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, कानपुर
स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान (17 सितम्बर से 2 अक्तूबर 2025) के तहत मंगलवार को गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय (जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज) के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में को
थैलीसीमिया स्क्रीनिंग के महत्व पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू गुप्ता ने बताया कि थैलीसीमिया एक आनुवंशिक रक्त रोग है, जिसमें शरीर में हीमोग्लोबिन सही तरीके से नहीं बनता है, जिससे शरीर में बार-बार खून की कमी हो जाती है। मरीज को बार बार खून चढ़वाने की जरूरत पड़ती है।
उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया स्क्रीनिंग के लिए HPLC जांच जच्चा बच्चा अस्पताल में निःशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हर गर्भवती महिला और किशोरी को स्क्रीनिंग जांच HPLC करानी चाहिए, क्योंकि यह समय की आवश्यकता है। अगर महिला कैरियर निकलती है तो पति की जाँच भी जरूरी है। दोनों के कैरियर होने पर बच्चे को थैलीसीमिया मेजर होने का खतरा बढ़ जाता है।
HPLC एक सरल, सुरक्षित टेस्ट है जो थैलीसीमिया और अन्य हीमोग्लोबिन विकारों जैसे सिकल सेल एनीमिया की पहचान करता है।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला एवं उप प्राचार्य प्रो. ऋचा गिरि, हैलट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष प्रो. रेनु गुप्ता, नोडल ऑफिसर प्रो. नीना ने किया।
डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि इस स्क्रीनिंग से थैलेसीमिया carrier की पहचान की जा सकती है और इसके अनुसार उचित परामर्श और उपचार की योजना बनाई जा सकती है।
अब तक विभाग में 4988 महिलाओं की थैलीसीमिया स्क्रीनिंग की जा चुकी है ।
इस जागरूकता कार्यक्रम डॉ शैली अग्रवाल ,डॉ. उरूज़, डॉ. फातिमा और डॉ. नीलू उपस्थित रहे, जिन्होंने समुदाय में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। डॉक्टरों ने बताया कि यह सुविधा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति विभाग में उपलब्ध है और सभी से जागरूक किया कि मिलकर “थैलेसीमिया मुक्त भारत” की दिशा में प्रयास करें।


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