इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डाक्टरों ने पुलिस कर्मियों के लिए लगाया निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण व जांच शिविर
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
पुलिस कर्मियों के लिए मोटापा जागरूकता व स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के परेड स्थित टेंपल ऑफ सर्विस यानी आईएमए भवन में किया गया। यह शिविर पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य और फिटनेस को ध्यान में रखते हुए लगाया गया। इसमें पुलिस कर्मियों को मोटापे से जुड़ी चुनौतियों, बीमारियों और उनके बचाव के उपायों की जानकारी प्रदान करना था। आईएमए की अध्यक्ष डॉ नंदिनी रस्तोगी और सचिव डॉ. विकास मिश्रा ने कहा कि पुलिस कर्मियों की ड्यूटी बहुत कठिन है, जिससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। न ठीक से खाना पीना होता है और न पूरी नींद लें पाते हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में उन्हें मोटापा के साथ साथ मानसिक तनाव जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी फिटनेस प्रभावित होती है।
शिविर में शहर के नामचीन डाक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पुलिसकर्मियों को बताया कि बदलते खान-पान और जीवनशैली में मोटापा सबसे गंभीर चुनौती है। यह शारीरिक क्षमता को प्रभावित करने के साथ साथ हाई ब्लडप्रेशर (उच्च रक्तचाप), हृदय रोग, मधुमेह, स्ट्रोक (लकवा), नींद संबंधी समस्या और जोड़ों की बीमारियों का कारण बन रहा है।
विशेषज्ञों ने कहा कि पुलिसकर्मी लगातार तनावपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करते हैं, जिस वजह से उनका खानपान अनियमित हो जाता है। वे व्यायाम की नियमित नहीं कर पाते हैं। उन्हें संतुलित आहार, नियमित शारीरिक व्यायाम, योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करना चाहिए।
स्वास्थ्य जांच और परामर्श
शिविर में सभी पुलिसकर्मियों का
बीएमआई (Body Mass Index) परीक्षण, एचबीए1सी (HBA1C), लिवर की फाइब्रो स्कैन जांच, बॉडी मास विश्लेषण (BMI), रक्तचाप (BP) एवं शुगर जांच (DIABETES) यानी blood sugar, हृदय रोगों से संबंधित ईसीजी जांच, नेत्र परीक्षण व अन्य जांचें चिकित्सकीय परीक्षण के बाद डाक्टरों के द्वारा कराई गईं।
आमजन की सुरक्षा के लिए स्वस्थ रहना जरूरी
आईएमए पदाधिकारियों ने कहा कि समाज की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों का स्वस्थ रहना ज़रूरी है। ऐसे शिविरों से पुलिस बल को न केवल बीमारियों से बचाव की जानकारी मिलती है, बल्कि वे अपनी फिटनेस और कार्यक्षमता को भी लंबे समय तक बनाए रखते हैं। पुलिस अधिकारियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होने से पुलिस कर्मियों को स्वस्थ और चुस्त-दुरुस्त रहने में मदद मिलेगी। वह अपने प्रति जागरूक भी होंगे।
मोटापा 21वीं सदी की सबसे गंभीर चुनौती
विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि 21वीं सदी की सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक मोटापा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मोटापे को एक दीर्घकालिक जटिल रोग माना है। इसके चलते टाइप-2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या हो रहीं हैं।
मोटापे के मुख्य कारण
* जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन
* आरामतलब जीवनशैली और कम शारीरिक गतिविधियां
* आनुवंशिक और हार्मोनल कारक
* पर्यावरणीय और सामाजिक-आर्थिक कारण
ये हैं जरूरी सुझाव
* मोटापे की रोकथाम और नियंत्रण संभव है
* संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, जीवनशैली में बदलाव
* आवश्यक चिकित्सकीय उपचार से नियंत्रित कर सकते
* समय पर जागरूकता और हस्तक्षेप से मोटापे से जुड़ी बीमारियों का काफी हद तक कम किया जा सकता
* स्वस्थ भोजन की आदतों को बढ़ावा देना
* शारीरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना
शिविर का उद्घाटन आईएमए अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी, सचिव डॉ. विकास मिश्रा, डीसीपी क्राइम एसएम कासिम आबिदी, कम्युनिटी वेलफेयर सब कमेटी चेयरमैन डॉ. वीसी रस्तोगी, आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ .कुणाल सहाय एवं एवं अन्य गणमान्य लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
इनका रहा सहयोग
शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों में डॉ. एसी अग्रवाल, डॉ. बृजमोहन, डॉ वीके कपूर, डॉ. राहुल कपूर, डॉ. अनुराग मेहरोत्रा, डॉ. प्रीति आहूजा, डॉ. अंबिका प्रसाद, डॉ. कीर्ति जलोटा, डॉ. संजय रस्तोगी, डॉ. दीपक श्रीवास्तव, डॉ. शालिनी मोहन , डॉ. निहलानी, डॉ. सुरजीत सिंह आहूजा, डॉ. सुनीत गुप्ता एवं डॉ. प्रदीप टंडन।
300 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण
स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में तीन सौ मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण डाक्टरों द्वारा कराया गया। इसमें बॉडी मास की जांच 112 मरीजों की कराई गई। मधुमेह (डायबिटीज) की जांच 160, बीसीए की जांच 80, फाइबर स्कैन की जांच 88, बीएमडी की जांच 82 एवं ईसीजी की जांच 80 मरीजों की करवाई गई।


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