International News from United States of America : भारतीय मूल के अमेरिकी रवि चौधरी को पेंटागन में अहम जिम्मेदारी

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प्रारब्ध न्यूज़ डेस्क, लखनऊ


भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक रवि चौधरी को पेंटागन में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। रक्षा मामलों के विशेषज्ञ चौधरी पर भरोसा जताते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पेंटागन के अहम पद के लिए नामित किया है। चौधरी मूल रूप से एयरोस्पेस और डिफेंस एक्पर्ट हैं। वो अमेरिकी एयरफोर्स में उच्च पदों पर काम कर चुके हैं। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक बयान जारी करके रवि को नामित किए जाने की पुष्टि की है। रवि मूल रूप से अमेरिका में वर्जिनिया के रहने वाले हैं। उनके परिवार में पत्नी व दो बच्चे हैं।

एयरफोर्स से पहुंचे पेंटागन

रवि चौधरी ने यूएस एयरफोर्स से बतौर पायलट अपने करियर की शुरुआत की थी। बाद में वह अमेरिकी एयरफोर्स में अफसर रह चुके हैं। अब उन्हें पेंटागन में एयरफोर्स डिपार्टमेंट का असिस्टेंट सेक्रेटरी फॉर इंस्टालेशन्स, एनर्जी और एनवॉयर्नमेंट की जिम्मेदारी दी गई है। 

राष्ट्रपति बाइडेन से मिली हरी झंडी

चौधरी की तैनाती के लिए व्हाइट हाउस और राष्ट्रपति बाइडेन की तरफ से हरी झंडी मिल चुकी है। अब उनके नाम पर अमेरिकी संसद यानी सीनेट ही अंतिम मुहर लगाएगी। इसके बाद ही वे पेंटागन की इस पोस्ट के लिए शपथ ग्रहण कर सकेंगे।
अमेरिकी संसद यानी सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद चौधरी कार्य भार संभालेंगे। 

अहम है यह जिम्मेदारी

चौधरी के पास अमेरिकी एयरफोर्स के तमाम इंस्टालेशन्स और स्ट्रैटेजी तैयार करने की जिम्मेदारी होगी। इनमें दुनियाभर में फैले अमेरिकी एयरफोर्स के बेसेस को भी देखना होगा। कहीं जरूरत हुई तो नया इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार करना होगा। इसके अलावा एनर्जी और एनवॉयर्नमेंट से संबंधित रणनीति बनाने का जिम्मा भी उन्हीं के कंधों पर होगा।

चौधरी का लंबा प्रशासनिक अनुभव

चौधरी के पास प्रशासनिक अनुभव भी अच्छा खासा है। वे यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन जैसे अहम विभाग को संभाल चुके हैं। इसके अलावा प्रोग्राम एंड इनोवेशन, कमर्शियल स्पेस और फेडरल एविएशन जैसे विभागों का भी उनको तर्जुबा है।

सी-17 के पायलट भी रहे रवि 

चौधरी अपने कार्यकाल वर्ष 1993 से 2015 तक यूएस एयरफोर्स के एक्टिव मेंबर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशनल और फंक्शनल दोनों डिवीजन्स को लीड किया है। सी-17 के पायलट भी रहे। अफगानिस्तान और इराक की जंग में कई ऑपरेशन किए। इराक में तो उन्होंने काफी वक्त काम किया। वो एविएशन इंजीनियर भी हैं। यूएस एयरफोर्स को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी देने के मामले में उनका योगदान अहम है। ओबामा के दौर में रवि प्रेसिडेंट एडवाइजरी कमीशन के सदस्य रह चुके हैं।


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