दिनांक : 19 जून 2021, दिन : शनिवार
विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : ज्येष्ठ
पक्ष - शुक्ल
तिथि - नवमी शाम 06:45 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र - हस्त रात्रि 09:29 तक तत्पश्चात चित्रा
योग - वरीयान् रात्रि 12:06 तक तत्पश्चात परिघ
राहुकाल - सुबह 09:19 से सुबह 10:59 तक
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
सूर्योदय : प्रातः 05:58 बजे
सूर्यास्त : संध्या 19:21 बजे
व्रत पर्व विवरण -
विशेष -
नवमी को लौकी खाना मना होता है ।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 19 जून, शनिवार को है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। इस अवसर पर हम आपको शिवपुराण में लिखे कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिन्हें करने से साधक की हर मनोकामना पूरी हो सकती है। ये उपाय बहुत ही आसान है।
भगवान शिव को कच्चे चावल चढ़ाने से धन लाभ होता है ।
भगवान शिव को बेला के फूल चढ़ाने से सुंदर पत्नी मिलती है ।
शिवलिंग का अभिषेक गाय के घी से करने से कमजोरी दूर होती है ।
महादेव की पूजा हरसिंगार के फूलों से करें तो सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है ।
कनेर के फूलों से भगवान शिव की पूजा करने से नए वस्त्र मिलते हैं ।
महादेव को जूही के फूल चढ़ाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती ।
धतूरे के फूल से पूजा करने पर महादेव सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं ।
भगवान शिव को गेहूँ चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
शिवजी की पूजा चमेली के फूल से करने पर वाहन सुख मिलता है ।
शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी सुख मिलते हैं ।
पंचक
28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
25, जुलाई, रविवार को रात्रि 10.48 बजे से 30 जुलाई दोपहर अंत 2.03 बजे तक
एकादशी
21 जून, सोमवार : निर्जला एकादशी
5 जुलाई,सोमवार: योगिनी एकादशी
20 जुलाई- देवशयनी, हरिशयनी एकादशी
प्रदोष
22 जून, मंगलवार : भौम प्रदोष
07 जुलाई,बुद्धवार: प्रदोष व्रत
21 जुलाई,बुद्धवार: प्रदोष व्रत
अमावस्या
09 जुलाई, सुबह 5.16 बजे से 10 जुलाई, 6.46 बजे तक
07 अगस्त 7.11 बजे से 08 अगस्त 7.20 बजे तक
पूर्णिमा
24 जून, गुरूवार ज्येष्ठ पूर्णिमा
23 जुलाई , शुक्रवार आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
22 अगस्त, रविवार- श्रावण पूर्णिमा
गंगा दशहरा
20 जून 2021 रविवार को गंगा दशहरा समाप्त ।
भारतीय संस्कृति में गंगा का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में भी गंगा का देव नदी कहा गया है यानी देवताओं की नदी। गंगा दशहरा के मौके पर हम आपको बता रहे हैं गंगा जल के कुछ आसान उपाय।
अगर परिवार के लोगों में नहीं बनती तो रोज सुबह पूरे घर में गंगा जल छिड़के ।इससे घर की नेगेटिविटी कम होगी और शांति का माहौल बनेगा बजे।
दक्षिणावर्ती शंख में गंगा जल भर कर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करें ।इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होगी ।
परिवार में सुख-समृद्धि चाहते हैं तो पीपल के पेड़ पर रोज गंगा जल चढ़ाएं, क्योंकि पीपल में भगवान विष्णु का वास माना गया है।
दुकान में किसी ने तंत्र प्रयोग किया हो तो पूरी दुकान में गंगा जल छिड़के ।इससे उस जगह की नेगेटिविटी खत्म हो जाएगी और व्यवसाय चलने लगेगा ।
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