विक्रम संवत : 2077, शक संवत : 1942
उत्तरायण अयन
वसंत ऋतु
चैत्र मास
कृष्ण पक्ष
नवमी तिथि 06 प्रैल रात्रि 02.18 बजे तक तत्पश्चात दशमी
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र 06 अप्रैल रात्रि 02.05 बजे तक तत्पश्चात श्रवण
शिव योग शाम 04.54 बजे तक तत्पश्चात सिद्ध
राहुकाल सुबह 08.02 बजे से सुबह 09.35 बजे तक
सूर्याेदय सुबह 06.25 बजे, सूर्यास्त शाम 18.53 बजे
दिशाशूल : पूर्व दिशा में
व्रत-त्योहार
विशेष : नवमी तिथि को लौकी खाना माना है। ब्रह्मावैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड : 27.29-34
अगर पति-पत्नी के बीच बराबर झगड़े होते हैं तो रोज सुबह और शाम को श्रीराम और सीता जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं। परेशानियाें को दूर करने के लिए प्रार्थना भी करें।
पंचक
7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल सुबह 11.30 बजे तक
व्रत-त्योहार का विवरण
07 अप्रैल : पापमोचिनी एकादशी
09 अप्रैल : प्रदोष व्रत
23 अप्रैल : कमदा एकादशी
24 अप्रैल : शनि प्रदोष व्रत
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