Babri Masjid Demolition case: बाबरी विध्वंस केस पर फैसला आज, अयोध्या में कड़ी सुरक्षा :लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह पर है आरोप

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अहम तथ्य

- बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर को फैसला सुनाएगी
- फैसले से पहले अयोध्या में हाई अलर्ट जारी किया गया
- सीआईडी और एलआईयू की टीमें सादी वर्दी में तैनात

file photo
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ

बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर यानी आज फैसला सुनाने वाली है। इस फैसले से पहले अयोध्या में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीआईडी और एलआईयू की टीमें सादी वर्दी में तैनात कर दी गई हैं। बाहरी लोग अयोध्या में आकर माहौल न बिगाड़ने पाएं इसको लेकर खास सतर्कता बरती जा रही है। पूरे जिले में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।  डीआईजी दीपक कुमार ने कहा कि कहीं भी भीड़ नहीं इकट्ठा होने दी जाएगी। इसका उल्लंघन करने वालों पर महामारी ऐक्ट और धारा-144 के उल्लंघन के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इधर, पुराने हाईकोर्ट परिसर में फैसले के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सेंट्रल बार एसोसिएशन ने भी वकीलों से गुजारिश की है कि वे हाईकोर्ट के पुराने परिसर में जाने से बचे। साथ ही पुराने परिसर में वाहन की पार्किंग से भी मना किया है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पार्किंग दूरसंचार भवन के सामने होगी।

बता दें कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी ढांचे को ढहा दिया था। इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें बाला साहेब ठाकरे, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरि डालमिया समेत 17 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है। इस महीने की शुरुआत में, 2 सितंबर को विशेष जज एसके यादव की अदालत ने सभी 32 आरोपियों के बयान दर्ज करके मामले में सभी कार्यवाही पूरी कर ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट को 30 सितंबर तक मामले में फैसला सुनाने के लिए निर्देशित किया था। 

डेड लाइन के बावजूद काफी लंबा खींचा गया केस
भाजपा के वरिष्ठ राजनेताओं से जुड़े संवेदनशील मामले को सुप्रीम कोर्ट की निर्धारित समय सीमा तक पूरा करने के बावजूद इस केस को काफी लंबा खींचा गया। 19 अप्रैल, 2017 को, सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल जज को डे-टू-डे ट्रायल कर दो साल में इस मामले को खत्म करने का आदेश दिया था। पिछले साल जुलाई में, SC ने अयोध्या मामले में आपराधिक मुकदमा पूरा करने की समय सीमा छह महीने बढ़ा दी थी और अंतिम आदेश देने के लिए कुल नौ महीने का समय दिया था। इस साल 19 अप्रैल को समय सीमा समाप्त हो गई और 31 अगस्त की डेडलाइन तय की गई थी जो एक्सपायर हो चुकी है। 

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी

लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुधीर कक्कड़, सतीश प्रधान, राम चंद्र खत्री, संतोष दुबे और ओम प्रकाश पांडे, कल्याण सिंह, उमा भारती, राम विलास वेदांती, विनय कटियार, प्रकाश शर्मा, गांधी यादव, जय भान सिंह, लल्लू सिंह, कमलेश त्रिपाठी, बृजभूषण सिंह, रामजी गुप्ता, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, धर्मदास, जय भगवान गोयल, अमरनाथ गोयल, साध्वी ऋतंभरा, पवन पांडे, विजय बहादुर सिंह, आरएम श्रीवास्तव और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर।

उमा भारती ने कहा, जो भी फैसला आए जमानत नहीं लूंगी
अदालत ने सभी आरोपियों को फैसले के वक्त कोर्ट में मौजूद रहने के लिए कहा है। फैसले से पहले उमा भारती ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। इस पत्र में उमा भारती ने कहा, 30 सितंबर को CBI की विशेष अदालत का फैसला आ रहा है और मुझे पेश होना है। अदालत का हर फैसला मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद होगा। मैंने हमेशा कहा है कि अयोध्या के लिए तो फांसी भी मंजूर है। मुझे नहीं पता कि फैसला क्या होने वाला है, मगर जो भी हो मैं जमानत नहीं लूंगी। वहीं शिवसेना के पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी संतोष दुबे ने कहा कि  कोर्ट क्या फैसला सुनाती है यह तो नहीं पता, लेकिन जो भी फैसला होगा हमें वह मंजूर होगा।

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