वाराणसी : धर्मनगरी काशी में उफान पर गंगा, बाढ़ का खतरा

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  • गंगा नदी में नाव संचालन पर डीएम ने लगाई रोक

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, वाराणसी


धर्मनगरी काशी में गंगा नदी उफान पर हैं। गंगा का जलस्तर 1.5 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। बाढ़ से खतरे को देखते हुए डीएम कौशल राज शर्मा ने गंगा में नाव संचालन पर रोक लगा दी है। छोटी-बड़ी हर नाव के संचालन पर रोक है। इससे पहले कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते 24 मार्च से नावों पर रोक लगाई गई थी।


केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार सुबह आठ बजे जलस्तर 65.79 मीटर रिकॉर्ड किया गया। मंगलवार रात आठ बजे 65.49 मीटर रहा। पतित पावनी गंगा के जलस्तर में बढ़ रहा है। घाटों की सीढ़ियां डूबी हुईं हैं। गंगा का जलस्तर दशाश्वमेध घाट स्थित शीतला माता मंदिर की मुख्य सीढ़ियों से लगे प्लेटफार्म तक पहुंच गया। जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सुबह आठ बजे से दोपहर डेढ़ बजे बजे तक जलस्तर प्रति घंटे डेढ़ सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ा। बढ़ती हुईं गंगा एक ओर शीतला माता मंदिर की सीढ़ियों का स्पर्श करने को आतुर हैं, वहीं दूसरी ओर गंगा सेवा निधि कार्यालय के पास स्थित ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर की सीढ़ियां लगभग डूबी चुकी हैं। नाविकों को अपनी बड़ी-बड़ी नौकाएं मंदिर की दीवारों के सहारे बांधनी पड़ीं। वहीं, गंगा सेवा निधि को सातवीं बार गंगा आरती स्थल में बदलाव करना पड़ा।


नाव चलाने की इजाजत 23 जून से मिली

कोरोना वायरस के चलते 24 मार्च से नावों पर रोक लगाई गई थी। उसके बाद 23 जून से गंगा में नाव चलाने की इजाजत दी गई। उस दिन दशाश्वमेध घाट पर नाविकों ने गंगा मइया की पूजा-अर्चना की। खुद डीएम कौशलराज शर्मा भी आए थे। उन्होंने नाविकों के हाथों प्रसाद भी खाया। इसके बाद नाव की सवारी भी की। अब बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से नावों के संचालन पर रोक लगा दी है।



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